रायपुर 27सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं के तहत मुद्रा योजना को छत्तीसगढ़ में शानदार कामयाबी मिल रही है।
योजना शुरू होने के लगभग ढाई वर्ष में राज्य में अब तक 18 लाख 74 हजार आवेदकों को विभिन्न बैंकों और गैर बैकिंग वित्तीय संस्थाओं द्वारा बिना गारंटी लिए लगभग 6953 करोड़ 80 लाख रूपए के ऋण मंजूर किए जा चुके हैं। इस राशि में से गत अगस्त माह तक 6669 करोड़ 43 लाख रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है।
देश में व्यापार-व्यवसाय को बढ़ावा देना और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। योजना में कारोबार के लिए दस लाख रूपए तक ऋण बिना किसी बैंक गारंटी के मंजूर करने का प्रावधान है। मुद्रा योजना का पूरा नाम ’माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एण्ड रिफाइनेंस एजेंसी’ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को इस योजना का शुभारंभ किया था।
राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि योजना के तहत नये आवेदनों की स्वीकृति और ऋण वितरण में और भी अधिक तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर राजधानी रायपुर में अगले महीने की तीन तारीख को केन्द्र सरकार की मुद्रा प्रोत्साहन योजना के तहत विशाल ऋण शिविर भी आयोजित किया जा रहा है। यह शिविर अग्रसेन धाम के सभाकक्ष में लगाया जाएगा। शिविर की तैयारी के लिए मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड की अध्यक्षता में बैठक हो चुकी है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्र्रा योजना के प्रथम वित्तीय वर्ष 2015-16 में छत्तीसगढ़ में छह लाख 39 हजार 711 आवेदकों को 2265 करोड़ 50 लाख रूपए का ऋण मंजूर किया गया और इसमें से 2156 करोड़ 14 लाख रूपए वितरित किए गए। पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में विमुद्रीकरण के दौर में भी योजना के तहत राज्य में आठ लाख 84 हजार 941 आवेदकों को 3334 करोड़ 27 लाख रूपए का ऋण मंजूर करते हुए इसमें से 3209 करोड़ 86 लाख रूपए की धनराशि वितरित की गई। चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 की प्रथम छैमाही में अब तक तीन लाख 49 हजार 496 आवेदकों को 1354 करोड़ 03 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत हो चुका है और इसमें से 1303 करोड़ 43 लाख रूपए वितरित भी किए जा चुके हैं।