कोलकाता/भुवनेश्वर 21 मई।भीषण चक्रवात उम्पुन आज सवेरे पश्चिम बंगाल तट पार कर बंगलादेश की ओर बढ़ गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के अनुसार राज्य में दस से बारह लोग मारे गए हैं।
इस चक्रवात के असर से 190 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली आंधी ने तटवर्ती ओडिसा और पश्चिम बंगाल को अस्त-व्यस्त कर दिया।पिछले दो दशक में अब तक का सर्वाधिक शक्तिशाली चक्रवात कल शाम साढ़े चार बजे आया।
हावड़ा, हुबली, उत्तर और दक्षिण चौबीस परगना जिलों तथा आसपास के क्षेत्रों को इस प्राकृतिक आपदा का कहर झेलना पड़ा। इसने कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिलों में तबाही मचा दी है। उत्तर और दक्षिण चौबीस परगना जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं।इन दोनों जिलों में सुंदरबन, हसनाबाद, बशीरहाट, सागरद्वीप नामखाना, गोसाबा, संदेश खाली और हिंगलागंज में कई नदियों के तटबंध टूट गए हैं। अनेक मकान नष्ट हो गए हैं, पेड़ उखड़ गए हैं और बिजली के तारें टूट गए हैं। पूर्वी मिदनापुर, पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा, नांदिया और हुगली जिलों में खड़ी फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
तूफान के कारण ओडिसा के पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केन्द्रापड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालेश्वर जिलों में अनेक स्थानों में भारी वर्षा हुई। पश्चिम बंगाल और ओडिसा में कम से कम छह लाख 58 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ)ने बताया कि पश्चिम बंगाल में पांच लाख और ओडिसा में एक लाख 58 हजार से अधिक लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। ओडिसा में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के बीस दलों ने सड़कें साफ करने का काम शुरू कर दिया है जबकि पश्चिम बंगाल में 19 दल लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम कर रहे हैं।
इस बीच उम्पुन चक्रवात पिछले छह घंटों में उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा में 28 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आगे बढ़ा। यह तूफान बंगलादेश और पश्चिम बंगाल के ऊपर कोलकाता से एक सौ दस किलोमीटर दूर भीषण समुद्री तूफान के रूप में केन्द्रित है।इस तूफान के उत्तर-उत्तर पूर्वी दिशा में बढ़ने और अगले छह घंटों में कमजोर पड़ने की संभावना है।