Friday , October 31 2025

आदिवासियों के साथ हो संवेदशीलता के साथ व्यवहार- राज्यपाल

रायपुर 11 जून।छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा हैं कि आदिवासियों की आजीविका वनों से जुड़ी हुई है और वे वनों के संरक्षक भी हैं।इस कारण उनके साथ अत्यंत संवेदशीलता और सकारात्मक सोच के साथ व्यवहार किया जाना आवश्यक है।

सुश्री उइके से आज यहां राजभवन में भारतीय वन सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट के दौरान यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के साथ ही अत्यधिक वनाच्छादित प्रदेश भी है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ क्षेत्र पांचवी अनुसूची के तहत भी आते हैं।इस कारण अधिकारियों के समक्ष वनवासियों का जीवन बेहतर करने एवं वनों को संरक्षित करने की चुनौतियां भी रहेंगी।

राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में वन अधिकार मान्यता पत्र देने में अच्छा कार्य हुआ है,लेकिन सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र दिये जाने के संबंध में भी और ठोस कार्य किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, राज्यपाल के सचिव सोनमणि बोरा उपस्थित थे।