नई दिल्ली 30 सितम्बर।भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट आमने-सामने डटी सेना को सभी जगहों से हटाने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच सहमति को ईमानदारी से लागू करने पर सहमत हो गए हैं।
भारत-चीन के बीच आज सीमा मामले पर विचार-विमर्श और समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र -डबल्यूएमसीसी की 19वीं बैठक में यह फैसला हुआ।यह बैठक वर्चुअल माध्यम से हुई। इसमें दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान भारत और चीन ने 21 सितम्बर को कमांडर स्तर की वार्ता के छठे दौर के परिणामों का भी सकरात्मक रूप से मूल्यांकन किया और भ्रम से बचने तथा व्यावहारिक धरातल पर स्थिरता बनाए रखने के उपायों को लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस संदर्भ में दोनों पक्षों ने खासतौर से ग्राउंड कमांडरों के बीच संचार को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। दोनों देश कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर निकट परामर्श बनाए रखने पर भी सहमत हुए।
इस महीने के शुरू में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से अलग मॉस्को में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद यह पहली डबल्यूएमसीसी बैठक थी जिसमें दोनों देश तनाव कम करने के लिए सेना पीछे हटने पर सहमत हुए थे।
ज्ञातव्य हैं कि डबल्यूएमसीसी भारत चीन सीमा क्षेत्रों के प्रबंधन के लिए परामर्श और समन्वय की संस्थागत व्यवस्था है। इस बैठक के दौरान दोनों देशों के सीमा सुरक्षाकर्मी जैसे क्षेत्रों के बारे में संवाद मजबूत करने के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।