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औद्योगिक नीति समावेशी विकास के लिए कारगर- अकबर

राजनांदगांव 22 जनवरी।छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि वर्ष 2019-2024 की औद्योगिक नीति के तहत उद्यमियों को समावेशी विकास, आत्मनिर्भर एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए विभिन्न तरह की छूट प्रदान की गई है, जो देश में सबसे अधिक है।

श्री अकबर ने आज यहां आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला उद्यम समागम का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह उद्यम समागम अधिक से अधिक लोगों को उद्योग लगाने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है। उन्होने आगे कहा कि लघुवनोपज खरीदी में छत्तीसगढ़ प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है और 112 करोड़ रूपए का लघुवनोपज समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा खरीदा गया है, जो देश का 73 प्रतिशत लघुवनोपज है।

उन्होंने कहा कि वैल्यू एडिशन के बाद लघु वनोपज का लाभ महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मिलेगा। वर्ष 2019 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को 602 करोड़ रूपए पारिश्रमिक भुगतान किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक दर वर्ष 2018 में 2500 रूपए बोरा था, जिसे बढ़ाकर 4000 रूपए कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रचुर लघुवनोपज को देखते हुए वनोपज, हर्बल तथा खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए वनांचल उद्योग पैकेज लाया गया है।

वाणिज्य एवं उद्योग वाणिज्य कर (आबकारी) मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि शासन द्वारा प्रदेश की आवश्यकताओं के अनुरूप सबसे अच्छी औद्योगिक नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि जिले में दो वर्ष में 41 उद्योग लगे हैं और इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल छत्तीसगढ़िया एवं किसान हैं। राज्य शासन द्वारा युवाओं को रोजगार देने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लघु वनोपज से समृद्ध प्रदेश है और यहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना पहल जारी है। प्रदेश के उद्योगपतियों को सुविधाएं देने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली की व्यवस्था की गई है।