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छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत हमारी पहचान- भूपेश

रायगढ़ 24 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत हमारी पहचान हैं।

श्री बघेल ने आज अखिल भारतीय रामनामी महासभा बड़े भजन मेला में संत कबीर के दोहे मोको कहां ढूंढे बंदे, मैं तो तेरे पास में- का उल्लेख करते हुए कहा कि रामनामी समाज के लोगों ने अपने शरीर में राम का नाम गुदवाकर कहीं बाहर ईश्वर को खोजने की बजाए उन्हें खुद में स्थापित कर लिया है।उन्होंने कहा कि रामनामी समाज के लोग कठिन साधना करते हैं। पूरे शरीर में राम का नाम गुदवाते हैं।ओढ़नी भी राम नाम की ओढ़ते है।प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृ-तिक विरासत को संजोने, संवारने व आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है।

उन्होने कहा कि सरकार किसानों के लिए लगातार हितकारी निर्णय ले रही है।समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। इस वर्ष अभी तक 86 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान के सुविधापूर्वक उपार्जन के लिए नयी समितियां व धान खरीदी केंद्र खोले गए हैं। कोरोना के चलते उपजी परिस्थितियों से बारदाने की आपूर्ति प्रभावित हुई, तो राशन के बारदानों व प्लास्टिक बारदानों के साथ किसानों के बारदाने में खरीदी को स्वीकृति दी गयी ताकि खरीदी प्रभावित न हो।

श्री बघेल ने कहा कि रायगढ़ में स्थित जूट मिल को चालू करने की दिशा में काम किया जा रहा है। जिससे लोगों को रोजगार मिले और बारदानों की होने वाली किल्लत भी दूर की जा सके। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान उत्पादक किसानों को लगभग 5750 करोड़ रूपए की आदान प्रोत्साहन राशि सीधे उनके खाते में जमा कराई जा रही है। योजना के तहत तीन किश्तों में 4500 करोड़ रूपए दिए जा चुके हैं। चौथी किश्त 31 मार्च के पहले दी जाएगी।