नई दिल्ली 27 जनवरी।गृह मंत्रालय ने आज कोविड-19 महामारी की निगरानी, नियंत्रण और सावधानी के बारे में दिशानिर्देश जारी किए। ये एक से 28 फरवरी तक लागू रहेंगे।
ये दिशानिर्देश पिछले चार महीने से कोविड महामारी से लड़ाई में उपलब्धि को और सुदृढ़ बनाने के लिए जारी किए गए हैं। दिशा-निर्देशों के अनुसार महामारी पर पूरी तरह काबू पाने तक सावधानी बरतने और निगरानी, नियंत्रण तथा मानक संचालन प्रक्रियाओं का कडाई से पालन करने की नीति अपनाने पर जोर दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि जरूरत पडने पर जिलाधिकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों पर विचार करते हुए छोटे स्तर पर सावधानीपूर्वक कंटेनमेंट जोन बना सकेंगे।स्थानीय स्तर पर पुलिस और नगर निगम अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि निर्धारित कंटेनमेंट उपायों का सख्ती से पालन किया जा रहा अथवा नहीं।
राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाऐंगे कि लोग मास्क पहनें, बार-बार हाथ धोयें और सुरक्षित दूरी के नियमों का पालन करें।इसके अनुसार कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी तरह की गतिविधियों की अनुमति दी गई है लेकिन इस दौरान मानक संचालन प्रक्रियाओं का कडाई से पालन करना होगा। सामाजिक, खेल, मनोरंजन, शिक्षा, सांस्कृतिक और धार्मिक सभाओं को अधिकतम 50 प्रतिशत क्षमता के साथ पहले ही अनुमति दी गई है।
निर्देश के अनुसार अब संबंधित राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार इस तरह के आयोजनों में लोगों की संख्या निर्धारित की जा सकेगी। सिनेमा हॉल और थिएटरों में 50 प्रतिशत सीटिंग क्षमता के साथ गतिविधियों की अनुमति पहले ही दे दी गई थी। अब उन्हें और अधिक सीटिंग क्षमता के साथ संचालन की अनुमति होगी लेकिन इसके लिए गृह मंत्रालय के परामर्श से सूचना और प्रसारण मंत्रालय संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेगा।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि अब स्वीमिंग पूल में सबको जाने की अनुमति होगी। इसके लिए गृह मंत्रालय के परामर्श से युवा कार्य और खेल मंत्रालय संशोधित दिशानिर्देश जारी करेगा।बिजनेस टू बिजनेस प्रदर्शिनी हॉल की पहले ही अनुमति थी लेकिन अब सभी प्रकार के प्रदर्शिनी हॉल को मंजूरी दे दी गई है। लेकिन इसके लिए वाणिज्य विभाग संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेगा।अंतर्राष्ट्रीय उडानों को बढाने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय को स्थिति के आकलन के आधार पर गृह मंत्रालय के परामर्श से निर्णय लेने की अनुमति दी गई है।