जोरहाट/रायपुर 08 फरवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम के उद्योगपतियों को चाय और बांस उद्योग लगाने के लिए आमंत्रित किया।
श्री बघेल ने असम के जोरहाट में आज उद्योगपतियों को बताया कि छत्तीसगढ़ में उद्योग हितैषी वातारण है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों को नई सहुलियतें देने के लिए उद्योगपतियों से चर्चा कर नई उद्योग नीति तैयार की गई है। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लघुवनोपज के साथ ही बागवानी फसलों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं।
उन्होंने असम के उद्योगपतियों को चाय और बांस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि उन्हें हर संभव मदद सहायता और प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस अवसर पर असम चेम्बर आफ कामर्स जोरहाट के अध्यक्ष प्रशांतकांत सैकिया और सचिव पबित्र बोरथाकुर नार्थ ईस्ट स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जोरहाट के अध्यक्ष अमरीक सिंह, एडियोबैरी टी ईस्टेट के डायरेक्टर राज बरूआ, ब्रेवरेज इंस्ट्रीज के प्रतिनिधि श्री अक्षय दत्ता, चाय उद्योग के प्रतिनिधि श्री नीलेश जैन, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि दिलीप अग्रवाल सहित अनेक उद्योगपति उपस्थित थे।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ में 44 प्रतिशत जंगल है। बड़ी मात्रा में लघुवनोपज होता है। अभी 52 लघुवनोपज को समर्थन मूल्य के दायरे में लाया गया है। राज्य में वनवासियों की आय में बढ़ोत्तरी और उन्हें सतत रूप से रोजगार देने के लिए लघुवनोपजों के प्रसंस्करण और वेल्यु एडिशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।