नई दिल्ली 07 अप्रैल।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्ष वर्धन ने कहा है कि कुछ राज्य सरकारें अपनी नाकामी से ध्यान हटाने और लोगों में कोविड महामारी के बारे में डर फैलाने का प्रयास कर रही हैं जो सही नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि राजनीतिक दलों का एक वर्ग 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन देने की न्यूनतम उम्र सीमा को बेहद कम करने की मांग कर रहा है। ऐसे बयानों पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ. वर्धन ने कहा कि टीकाकरण का प्राथमिक उद्देश्य अत्यधिक संवेदनशील लोगों में मृत्यु दर कम करना और महामारी को परास्त करने में समाज को समर्थ बनाना है। उन्होंने कहा कि जब तक वैक्सीन की आपूर्ति सीमित है, तब तक प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उऩ्होने कहा कि महाराष्ट्र में केवल 86 प्रतिशत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ही पहला टीका लगाया जा सका है। दिल्ली में केवल 72 प्रतिशत और पंजाब में 64 प्रतिशत का ही टीकाकरण किया जा सका। दूसरी तरफ,दस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 90 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया।स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया कि ये राज्य टीकाकरण के प्रयासों में विफलता से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीन की कमी के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की आपूर्ति पर पल-पल नजर रखी जा रही है और राज्य सरकारों को नियमित रूप से जानकारी दी जा रही है।उन्होने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के लचर और सुस्त रवैये ने वायरस से लड़ने के पूरे देश के प्रयासों पर पानी फेर दिया है।उन्होंने कहा कि संक्रमित लोगों और कोविड से मृत्यु के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले स्थान पर है और यह दुनिया के उन क्षेत्रों में से एक है, जहां संक्रमण दर सबसे अधिक है।
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