रायपुर 03 मई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिकित्सकों को भगवान और मितानिनें को जीवन बचाने वाली देवी निरूपित करते हुए राज्य में मितानिनों एवं ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना संक्रमित लोगों के जीवन रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है।
श्री बघेल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सरगुजा और बिलासपुर संभाग के विभिन्न ब्लॉकों के ग्रामीण इलाको में कोरोना संक्रमण की स्थिति और संक्रमितों के उपचार एवं उनके स्वास्थ्य के बारे में मितानिनों एवं ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए कहा कि आप सब की सेवा का ही परिणाम है कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने लगी है। कोरोना के गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है और मरीजों की रिकवरी भी तेजी से होने लगी है।
उन्होने कहा कि राज्य में अस्पताल, इलाज ,दवा ,ऑक्सीजन बेड , आईसीयू, वेंटीलेटर आदि को लेकर अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही है।शहरों विशेषकर राजधानी रायपुर एवं बिलासपुर में कोरोना के गंभीर स्थिति वाले मरीजों का दबाव कम हुआ है।उन्होंने कहा कि कोरोना लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर उन्हें दवाओं का सेवन शुरू कराने से ही यह संभव हो सका है।उन्होने कहा कि लक्षण वाले मरीजों को शुरुआती दौर में ही कोरोना किट में प्रदाय की गई दवाएं देने से बीमारी गंभीर रूप नहीं ले पाती है, न ही ऑक्सीजन लेवल कम होता है।उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की नौबत भी नहीं आती हैं।
श्री बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के शुरुआती दौर में सरगुजा ,बलरामपुर, सूरजपुर ,बिलासपुर जिले के कोटा, कोरबा जिले के करतला ,गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पेंड्रा ,मुंगेली,जांजगीर चांपा,रायगढ़ जिले के बरमकेला और तमनार ब्लाक के विभिन्न ग्रामों की मितानिनों एवं पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से गांवों में कोरोना मरीजों की संख्या और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।
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