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मंडियां कृषि उपजों की खरीदी-बिक्री की अधिक पारदर्शी व्यवस्था करें सुनिश्चित- भूपेश

रायपुर 10 अगस्त।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने की जिम्मेदारी कृषि उपज मंडियों की है।  किसानों की जरूरतों और  समस्याओं को ध्यान में रखकर किसानों और व्यापारियों के बीच कृषि उपजों की खरीद और बिक्री की और अधिक पारदर्शी व्यवस्था करें, जिससे किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य समय पर मिल सके।

श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कृषि उपज मंडी समिति दुर्ग के नवनियुक्त अध्यक्ष अश्वनी साहू के पदभार ग्रहण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने नई जिम्मेदारी मिलने पर श्री साहू को बधाई और शुभकामनाएं दी।

श्री बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानून से किसानों के हित खतरे में है। किसान अपने भविष्य को लेकर बहुत आशंकित हैं। इन कानूनों के दुष्प्रभावों से छत्तीसगढ़ के किसानों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने मंडी अधिनियम में संशोधन कर किसानों के हितों को संरक्षित किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत किसान लघु और सीमान्त किसान हैं, इन किसानों की उपज के सही तौल और सही मूल्य के साथ खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मदारी मंडियों की है।  बाजार में कृषि उपज के मूल्य में उतार-चढ़ाव की सूचनाएं किसानों को आधुनिक संचार साधनों का उपयोग करते हुए समय से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। परम्परागत धान की फसल के साथ-साथ अन्य फसलों की ओर भी किसानों का रूझान बढ़ रहा है।  यह अच्छे भविष्य का सुखद संकेत है। ऐसी परिस्थितियों में किसानों को सही सलाह और सुझाव देने की आशंका है ताकि वे अधिक लाभकारी फसलों का चुनाव कर सकें। राज्य सरकार  राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से  धान, गन्ना, मक्का, सोयाबीन,  दलहन, तिलहन, कोदो, कुटकी और रागी जैसी फसलों में किसानों को आदान सहायता देकर उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। इससे आने वाले समय में इन फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा, हमें उसी के अनुरूप आंकलन कर विपणन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी होंगी।

श्री बघेल ने कहा कि कृषि उपज मंडी और धान खरीदी केंद्रों में लगभग 4000 चबूतरों का निर्माण किया गया है, जिसमें इस वर्ष लाखों टन धान को खराब होने से बचाया गया। इन चबूतरों पर शेड का निर्माण भी मंडियों को करना है,ताकि फसलें बचाई जा सकें। उन्होंने आशा जताई कि मंडियों के जागरूक एवं अनुभवी पदाधिकारी यह काम तेजी से आगे बढ़ाएंगे।