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लोकसभा ने संविधान 127वें संशोधन विधेयक को दी मंजूरी

नई दिल्ली 10 अगस्त।लोकसभा ने संविधान 127वें संशोधन विधेयक, 2021 उपस्थित सदस्‍यों के दो तिहाई बहुमत से पारित कर दिया।

संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण इस पर मत विभाजन कराना अनिवार्य था। इस विधेयक में अन्‍य पिछड़ा वर्ग की अपनी सूची बनाने के लिए राज्‍यों और केन्‍द्रशासित प्रदेशों की शक्ति बहाल करने का प्रावधान है।

सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री डॉ.विरेन्‍द्र कुमार ने विधेयक प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि इससे राज्‍यों को अन्‍य पिछड़ा वर्ग की अपनी सूची तैयार करने का अधिकार मिलेगा।उन्‍होंने कहा कि इस विधेयक से देश की संघीय संरचना मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। डॉ.कुमार ने अन्‍य पिछड़ा वर्ग समुदाय के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

चर्चा शुरू करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अन्‍य पिछड़ा वर्ग समुदाय के हित में विपक्ष विधेयक का समर्थन करता है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि सरकार उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड के विधानसभा चुनावों को ध्‍यान में रखते हुए यह विधेयक लाई है। श्री चौधरी ने कहा कि कईं राज्‍य आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ाना चाहते हैं।

भारतीय जनता पार्टी की संघमित्र मौर्य ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने आरक्षण रद्द करने के लिए नीट का प्रावधान किया। उन्‍होंने कहा कि नीट एन०सी०ई०आर०टी के पाठ्यक्रम पर आधारित है और गरीब विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम को नहीं पढ़ते।डीएमके नेता टी आर बालू ने आरक्षण की अधिकतम सीमा को हटाने का मुद्दा उठाया। उन्‍होंने यह विधेयक लाने के लिए सरकार को धन्‍यवाद भी दिया।विधेयक का समर्थन करते हुए तृणमूल कांग्रेस के कल्‍याण बनर्जी ने कहा कि संविधान असमानता दूर करने का साधन है।

समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने विधेयक का समर्थन करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने आरक्षण की अधिकतम सीमा नहीं हटाई है।बहुजन समाज पार्टी के रितेश पांडेय ने विधेयक का समर्थन किया, लेकिन उन्‍होंने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि ज्‍यादातर नौकरियां अनुबंध पर या निजी क्षेत्र में है, इसलिए यह आश्‍चर्य की बात है कि आरक्षण कहां लागू होगा।

एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने 2011 की जाति जनगणना के अनुभव और अनुसंधान पर आधारित आंकड़े उपलब्‍ध कराने के लिए सरकार का आभार प्रकट किया।श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्‍द्र यादव ने कांग्रेस को याद दिलाया कि उसने काका कालेलकर आयोग की सिफारिशें लागू नहीं की थी। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने अन्‍य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए कुछ नहीं किया। उन्‍होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाई।