नई दिल्ली 02 अक्टूबर।राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं को अपने कामकाजी समय का एक हिस्सा कमजोर लोगों को नि:शुल्क सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्धारित करना चाहिए।
श्री कोविद ने आज यहां राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एन.ए.एल.एस.ए. के अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता और आउटरीच अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि कानूनी सेवा संस्थानों की संरचना न्यायिक वास्तुकला को सहयोग देती है और राष्ट्रीय, राज्य, जिला तथा अनुमंडल स्तर पर इसे स्थिरता प्रदान करती है।उन्होंने कहा कि सहयोग और स्थिरता बड़ी संख्या में कमजोर वर्गों की सेवा के लिए महत्वपूर्ण है।
श्री कोविंद ने कानूनी सेवा प्राधिकरणों से नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में विशेष रूप से सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का आग्रह किया।