रायपुर 11 अक्टूबर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जल्द ही गोबर से बिजली उत्पादन कर छत्तीसगढ़ के गांव बिजली के मामले में भी आत्मनिर्भर बनेंगे।
श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में पशुपालकों, गोबर संग्राहकों को गोबर खरीदी, लाभांश के रूप में महिला स्व-सहायता समूहों तथा गौठान समितियों के खाते में कुल 7 करोड़ 36 लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोबर से बिजली बनाने की शुरूआत तीन गौठानों रायपुर, बेमेतरा और दुर्ग जिले के एक-एक गौठान से की गई है। इसका विस्तार सभी गौठानों में करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। श्री बघेल ने कहा कि अब प्रदेश में मिशन मोड में गोधन न्याय योजना का संचालन किया जाएगा।
राज्य में गोबर खरीदी के एवज में गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद अब तक 104 करोड़ 41 लाख रूपए, लाभांश राशि के रूप में महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को कुल 62 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। इसमें से महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 25 करोड़ 2 लाख रूपए और गौठान समितियों को 37 करोड़ 90 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से प्रदेश के 84 हजार 469 भूमिहीन लोग भी लाभान्वित हो रहे है।
श्री बघेल ने कहा कि गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह अब वर्मी कम्पोस्ट बनाने तक सीमित नहीं रहेंगे। गौठानों में राज्य और केन्द्र सरकार की योजनाओं की मदद से विभिन्न रोजगारमूलक गतिविधियां प्रारंभ की जाएंगी। गौठानों में धान कूटने, तेल पेराई की मशीनें लगाई जाएंगी और लोहारी तथा जूता निर्माण के उद्यम भी प्रारंभ किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गौठानों में जैविक खाद बनाने, सामुदायिक बाड़ियों से सब्जियों, मशरूम का उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशु-पालन, गोबर का दीया, गमला, अगरबत्ती निर्माण और अन्य गतिविधियों में 09 हजार 211 स्व-सहायता समूह जुड़े हुए हैं। गांवों में बन रहे गौठान आने वाले समय में पूरे राज्य की ताकत बनेंगे।