रायपुर, 31 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि धर्म संसद में धार्मिक और समाज उत्थान की बातें होती हैं, लेकिन रायपुर में धर्म संसद में जो हुआ वह अनैतिक और बर्दाश्त से बाहर है।
श्री बघेल ने राजधानी के गांधी मैदान में आयोजित ‘‘गांधी हमारे अभिमान’ कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती पर बीते दिनों एक धर्म संसद का आयोजन हुआ था, लेकिन इस धर्म संसद में जो बातें हुईं वह किसी भी रूप स्वीकार्य नहीं हैं।उन्होने कहा कि धर्म संसद में धार्मिक और समाज उत्थान की बातें होती हैं, लेकिन रायपुर में धर्म संसद में जो हुआ वह अनैतिक और बर्दाश्त से बाहर है। यहां कालीचरण को गांधी जी जैसे महान व्यक्तित्व को गाली देने और अनर्गल बातें करने के लिए भेजा गया था जबकि उस व्यक्ति ने गांधी जी के हत्यारे गोडसे की प्रशंसा की।
उन्होने कहा कि महात्मा गांधी जी कौन थे किसी को बताने की जरूरत नहीं है फिर भी उनको जानना है तो उनके समकालीन महापुरूषों के विचार पर्याप्त हैं। रवींद्रनाथ टैगोर जी ने गांधी जी के लिए महात्मा शब्द का प्रयोग किया था, वहीं विचारों में मतभेद होते हुए भी सुभाष चंद्र बोस जी ने रंगून से अपने रेडियो संदेश में गांधी जी को राष्ट्रपिता कहा था।श्री बघेल ने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन द्वारा गांधी जी के बारे में कहे गये शब्दों का उल्लेख किया, और कहा लेकिन आज चंद लोग समाज में जहर घोलकर नफरत की फसल उगाना चाहते हैं।
श्री बघेल ने कहा कि सभी संतों ने सत्य को ही ईश्वर माना है, यही लोग हमारी ऋषि परंपरा का प्रतिनिधित्व करते हैं। विशेष तौर पर रामकृष्ण परमहंस का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि परमहंस सभी पद्धतियों से उपासना कर चुके थे लेकिन अंत में उन्होंने एक ही ईश्वर की बात को प्रतिपादित किया। गांधी जी भी परमहंस के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति थे। गांधी जी का छत्तीसगढ़ से जुड़ाव का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में हो रहे अछूतोद्धार, समाजसुधार के लिए पंडित सुन्दरलाल शर्मा द्वारा किये जा रहे काम को देखते हुए गांधी जी ने उन्हें अपना गुरू कहा था।
उन्होंने तंज कसते हुए आगे कहा कि भाजपा मजदूर, किसान, महिलाओं, युवाओं के लिए कुछ नहीं कर सकती। रायपुर धर्म संसद में जब कालीचरण ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहे तब पूरे देश ने इसका पुरजोर विरोध किया, लेकिन आरएसएस और भाजपा के लोगों ने चुप्पी साध ली। जिस देश की एकता और अखंडता को कायम रखने के लिए महापुरुषों ने अपना सर्वस्व त्याग दिया, ऐसे देश में सांप्रदायिकता का जहर घोलने वाले से अब सीधी लड़ाई लड़नी होगी और यह लड़ाई हम जीतेंगे।
इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, राज्यसभा सदस्य श्रीमती छाया वर्मा, आरडीए अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, पूर्व अध्यक्ष व विधायक धनेन्द्र साहू, विधायक अमितेष शुक्ल, रायपुर नगर-निगम के महापौर एजाज ढेबर सहित अनेक जनप्रतिनिधि व गणमान्य लोक मौजूद थे।