
रायपुर, 01 नवम्बर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के भव्य और आधुनिक नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।
श्री मोदी ने इस अवसर पर राज्य की 25 वर्ष की विकास यात्रा को “जन-आकांक्षाओं, संघर्ष और आत्मविश्वास के स्वर्णिम अध्याय” के रूप में अभिव्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अवसर केवल एक भवन के उद्घाटन का नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की नई चेतना, नई ऊर्जा और नए युग के आरंभ का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने प्रदेश की जनता और राज्य सरकार को बधाई देते हुए कहा कि “आज छत्तीसगढ़ अपनी आकांक्षाओं के शिखर पर खड़ा है।” उन्होंने इस गौरवपूर्ण अवसर पर राज्य के निर्माता, भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जब अटल जी ने वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया, तब वह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि विकास के नए द्वार खोलने और छत्तीसगढ़ की आत्मा को पहचान देने का कदम था।
उन्होने कहा कि नई विधानसभा का उद्घाटन और अटल जी की प्रतिमा का अनावरण इस भाव के साथ है कि—“अटल जी, देखिए—आपका सपना साकार हो रहा है; आत्मविश्वास से भरा छत्तीसगढ़ नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर है।”
“भारत लोकतंत्र की जननी है” — प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और हमारी जनजातीय परंपराएँ सदियों से लोकतांत्रिक जीवनशैली का उदाहरण रही हैं। उन्होंने बस्तर के “मुरिया दरबार” को लोकतंत्र की प्राचीन और जीवंत संसद बताते हुए कहा कि इस परंपरा को नई विधानसभा में भी सम्मानजनक स्थान दिया गया है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा लोकतंत्र का तीर्थस्थल है — जहाँ हर स्तंभ पारदर्शिता का प्रतीक, हर गलियारा जवाबदेही का स्मरण और हर कक्ष जनता की आवाज़ का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यहां लिए गए निर्णय आने वाले दशकों तक राज्य के विकास की दिशा तय करेंगे।
विरासत और विकास का संगम
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत अपनी विरासत और विकास दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नई संसद में स्थापित ‘सेंगोल’ और भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक मूर्तियाँ हमारी प्राचीन परंपराओं की स्मृति दिलाती हैं, उसी भावना का प्रतिबिंब छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा में भी दिखाई देता है।
उन्होने कहा कि यह भवन राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जहाँ बाबा गुरु घासीदास जी, माता शबरी, संत कबीर, और महाप्रभु वल्लभाचार्य जी की शिक्षाओं की झलक हर कोने में दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि भवन की दीवारें समरसता का संदेश देती हैं, द्वार आत्मीयता का, और प्रत्येक आसन सत्य व निर्भीकता की भावना से ओतप्रोत है।
“राम से राष्ट्र” — सुशासन और समरसता का मार्ग
श्री मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम की ननिहाल है और यह नई विधानसभा श्रीराम के आदर्शों को जीवंत करने का स्थल बनेगी। उन्होंने कहा कि “राम से राष्ट्र” का अर्थ है ऐसा भारत जहाँ समाज गरीबी, भेदभाव और अन्याय से मुक्त हो; जहाँ सुशासन, सामाजिक न्याय और समरसता सर्वोच्च मूल्य हों।
उन्होने कहा कि “राम से राष्ट्र” का अर्थ उन शक्तियों के उन्मूलन से भी है जो मानवता के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने आतंकवाद की कमर तोड़ी है और अब नक्सलवाद व माओवादी आतंकवाद के उन्मूलन की दिशा में दृढ़ता से अग्रसर है।
विकसित छत्तीसगढ़ से विकसित भारत @2047 की दिशा में
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय परिवर्तन देखा है। जो राज्य कभी नक्सलवाद और पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था, आज समृद्धि, सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक बन गया है। उन्होंने बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों की चर्चा करते हुए कहा कि आज विकास और शांति राज्य की पहचान बन चुके हैं।
उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की रजत जयंती केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि विकसित भारत @2047 के लक्ष्य की दिशा में देश की नई यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि इस विधानसभा में होने वाली प्रत्येक बहस, प्रश्न और निर्णय का उद्देश्य जनसेवा और विकास होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि “यह विधानसभा केवल कानून निर्माण का स्थल नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की नियति गढ़ने का सशक्त केंद्र है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नई विधानसभा का वास्तविक महत्व इसकी भव्यता में नहीं, बल्कि इसमें लिए गए जनकल्याणकारी निर्णयों में निहित है। उन्होंने आग्रह किया कि प्रत्येक निर्णय किसानों की मेहनत का सम्मान करे, युवाओं के सपनों को दिशा दे, महिलाओं की आकांक्षाओं को बल प्रदान करे और समाज के सबसे वंचित वर्ग तक विकास की रोशनी पहुँचाए।
कार्यक्रम में राज्यपाल श्री रमेन डेका, लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, केंद्रीय मंत्री श्री टोकन साहू तथा अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्यजन उपस्थित थे।
उल्लेखनीय हैं कि नवा रायपुर स्थित नया विधानसभा भवन ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर आधारित है। यह पूर्णतः सौर ऊर्जा संचालित है और इसमें वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसी आधुनिक सुविधाएँ शामिल हैं। यह भवन पारंपरिक छत्तीसगढ़ी कला और आधुनिक तकनीक का सुंदर संगम प्रस्तुत करता है, जो आने वाले वर्षों में सतत विकास और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनेगा।
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