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गांधी जी के मूल्यों, कार्यों और विचारों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी –गोपाल गांधी

रायपुर, 03 फरवरी।जाने माने गांधीवादी विचारक गोपाल गांधी ने कहा कि हमें महात्मा गांधी के कहे गए शब्दों, मूल्यों तथा किए गए कार्य पर ध्यान देना कहीं ज्यादा जरूरी है।

श्री गांधी ने साइंस कॉलेज मैदान में नवा रायपुर सेवाग्राम के डोम में आयोजित गांधी विचार संगोष्ठी को वर्चुवल संबोधित करते हुए कहा कि हम गांधी जी का नाम लेते है, उनका आदर करते है, मगर उनके कहे गए शब्दों, मूल्यों तथा किए गए कार्य पर ध्यान देना कहीं ज्यादा जरूरी है। हमें विकास की योजनाओं और आदिवासियों की जीवन शैली के मध्य संतुलन करना होगा। श्री गोपाल गांधी ने कहा कि सत्ता सेवा के लिए होनी चाहिए।

संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए गांधी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष पुरूषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि वास्तव में मजबूती का नाम महात्मा गांधी है। जब मैं गांधी जी को याद करता हूं तो विनोबा भावे जी याद आते हैं, वे कहते थे कि सही सवाल यह है कि गांधी जी के जीवन से सीखते हुए समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने सुझाव दिया कि नवा रायपुर सेवाग्राम को लोक विद्या के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने विश्वास जताया कि नवा रायपुर सेवाग्राम देशज आधुनिकता का केन्द्र बनेगा।

मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि गांधी जी यहां एक प्रकाश पुंज की तरह है, सेवा ग्राम एक प्रतीक की तरह है। गांधी जी ने स्वराज से सर्वाेदय की राह दिखाई। इसी कड़ी को निरंतन बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ में नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी की अवधारणा के साथ सुराजी गांव योजना का शुरूआत की गई और नवा रायपुर सेवाग्राम की आधारशिला रखी गई। सेवाग्राम तभी सफल होगा, जब लोग अपने आप को गांधी जी के जीवन और मूल्यों से जोड़ते हुए समाज के प्रति समर्पित कर सकेंगे।

श्री कुमार प्रशांत ने कहा कि हमारे समक्ष चुनौतियां बड़ी है, पर असम्भव नहीं है। उनका हमें गांधी जी के सच्चाई के रास्ते में चलकर सामना करना है।संगोष्ठी में गांधीवादी विचारक सुश्री विभा गुप्ता, श्री चंदन पाल, श्री विजय महाजन, श्री इनामुल हसन, श्री हरि नर्के, श्री सचिन राव,रजनी बक्शी, धरमपाल सैनी, श्री गौतम बंदोपाध्याय ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के कलाकारों ने गांधी जी के भजन प्रस्तुत किए।