रायपुर, 13 मार्च।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि महिलाओं के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है। इसे हम सभी को गहराई से समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी समाज होता है।
श्री बघेल ने आकाशवाणी से आज प्रसारित रेडियोवार्ता लोकवाणी में छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को भरपूर सम्मान दिया जा रहा है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं और बेटियां अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी है, जिसे आगे बढ़ने से अब कोई रोक नहीं सकता।उन्होने कहा कि हमारे पुरखों की वजह से हमें ऐसा संविधान मिला है, जिसमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया है। हमारे संस्कार और प्रयासों का ही नतीजा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिलाओं का प्रतिशत, देश की अन्य विधानसभाओं की तुलना में सबसे अधिक है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। भूमि और संपत्ति पर कानून के अनुसार महिलाओं को समान स्वामित्व और नियंत्रण का अधिकार है।
उन्होने कहा कि हमने ऐसे कई नीतिगत इंतजाम किए हैं, जिसमें महिलाओं को अचल संपत्ति पर अधिकार मिले। अचल संपत्ति का पंजीयन महिलाओं के नाम पर कराए जाने पर स्टाम्प शुल्क में 1 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान किया गया है, जिसके कारण एक वर्ष में 50 हजार से अधिक पंजीयन हुए और 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट उन्हें मिली। सरकारी पदों में भर्ती के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा महिलाओं को दी गई है। महिला छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होम गार्ड के 2200 नए पदों का सृजन किया गया है। प्रदेश के 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं।
श्री बघेल ने कहा कि अब हम प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करने जा रहे हैं ताकि हमारी माताओं, बहनों को पूर्ण सुरक्षा का वातावरण मिले। जिला खनिज न्यास निधि बोर्ड में ग्रामसभा सदस्य के रूप में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। प्रत्येक जिले में महिलाओं के लिए अपना महाविद्यालय हो, इसके लिए हमने 9 जिलों में नए महिला महाविद्यालय शुरू किए हैं। हमारे प्रयासों से सरकारी महाविद्यालयों में बेटियों की संख्या बेटों से डेढ़ गुना हो गई है। छत्तीसगढ़ के इन अभूतपूर्व प्रयासों को नीति आयोग ने भी सराहा है और वर्ष 2020-21 की इंडिया-इंडेक्स रिपोर्ट में लैंगिक समानता के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में बेटियां शिक्षा से लेकर स्वावलंबन तक किस तरह से सरकार की योजनाओं से जुड़ना चाहती हैं, यह बिल्कुल निजी तौर पर समझने का विषय है। सभी की आवश्यकताएं अपने परिवार की परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग होती हैं। यदि कोई बेटी छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़कर स्वरोजगार करना चाहे तो बिहान योजना है, जिसमें अभी तक 2 लाख 6 हजार 362 समूहों के माध्यम से 22 लाख 14 हजार 426 महिलाएं जुड़ चुकी हैं।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India