रायपुर 15 मार्च।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने पार्षदों से कहा हैं कि वह जनआकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करें और जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहें।
राज्यपाल सुश्री उइके ने नगर निगम की सामान्य सभा को संबोधित करते हुए आज कहा कि आप सभी पार्षद जनता की आवाज हैं तथा आमजनों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करना आपकी जिम्मेदारी भी है। आपके आचार-विचार और संस्कार में अहंकार न हो। सतत् रूप से अपने क्षेत्र का भ्रमण कर लोगों से अपने कामों का फीडबैक भी लें, ताकि लोग क्या चाहते हैं, इसकी आपको जानकारी रहे।
उन्होने कहा कि नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतें लोकतंत्र की प्राथमिक शाला है। यहां निर्वाचित होकर पहुंचे जनप्रतिनिधियों का लोकतंत्र व संसदीय कार्यप्रणाली से पहली बार परिचय होता है। इस सदन में मेरा पहला अनुभव है।आप सभी इस सदन से निरंतर सीखते होंगे जो आपके भावी राजनीतिक जीवन में मददगार होगा। नगरीय निकाय के सदन से निकलकर लोग अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं।
सुश्री उइके ने कहा कि झारखण्ड के राज्यपाल रमेश बैस कभी इस सदन के सदस्य रहे।अनेक विधायक, सांसदों ने भी अपने सफर की शुरूआत इसी सदन से की है। आप जितना अच्छा काम करेंगे तो लोगों का स्नेह व सम्मान उतना ही अधिक मिलेगा और आप अपने भावी राजनीतिक जीवन में नई ऊंचाईयों पर पहुंचेंगेउन्होने कहा कि मैं विभिन्न पदों पर रहते हुए देश के अनेक राज्यों का भ्रमण किया, किन्तु छत्तीसगढ़ में मेरे कार्यकाल के ढाई साल कैसे बीते, यह पता ही नहीं चला।
राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में रायपुर शहर में निगम द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों सहित विवेकानंद सरोवर, तेलीबांधा तालाब सौंदर्यीकरण और नालंदा लाइब्रेरी, पिंक टॉयलेट जैसी पहल की सराहना की। इस दौरान महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे और आयुक्त नगर निगम प्रभात मलिक ने भी सभा को संबोधित किया। राज्यपाल सुश्री उइके को महापौर एजाज ढेबर ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।