बलौदा बाजार 17 मार्च।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कबीरपंथी समाज के प्रमुख धर्मस्थल दामाखेड़ा मेले के विस्तार एवं स्वरूप को देखते हुए मेले की व्यवस्था राशि के लिए दी जाने वाली 27 लाख रूपए की राशि को बढ़ाकर 50 लाख करने की घोषणा की है।
श्री बघेल आज फाल्गुन पूर्णिमा के अवसर पर दामाखेड़ा में आयोजित सद्गुरू कबीर संत समागम समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने 22 करोड़ 43 लाख रूपये से बनने वाले कबीर सागर के उन्नयन एवं सौंदर्यीकरण कार्य का भूमि पूजन किया।इसके साथ ही उन्होने यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं के लिए एक नये अतिथि गृह एवं धर्मशाला निर्माण की घोषणा भी की।
श्री बघेल ने बजट में पूर्व से निर्धारित 75 करोड़ के लागत से नल जल योजना तहत शिवनाथ नदी से कनेक्टिविटी को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया। जिससे दामाखेड़ा के आसपास लगभग 50 गावों को फायदा मिलेगा। समारोह में मुख्यमंत्री ने पंथश्री हुजूर प्रकाश मुनि नाम साहेब का स्वागत करते हुए उनसे छत्तीसगढ़ की तरक्की और खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी गुरू का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
धर्मगुरू पंथश्री प्रकाश मुनि नाम साहेब ने मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी दफा दामाखेड़ा आगमन पर श्री बघेल का कबीरपंथी समाज की ओर से आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल दिल से कबीरपंथी हैं। कबीर के सिद्धांत और उपदेश को वे शुरू से मानते हैं। विगत 20 सालों से मेरा उनसे गहरा नाता है। उन्होने ने संत समागम में पहुंचकर दामाखेड़ा का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने आज दामाखेड़ा के प्राचीन तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य का भूमि पूजन करके पूरे समाज को एक बड़ी सौगात दिया हैं। इस दौरान उन्होंने कबीर सागर के महत्व को भी बताया।
कार्यक्रम में श्री बघेल ने कहा कि कबीरपंथ का छत्तीसगढ़ के जनजीवन में व्यापक प्रभाव है। इसलिए यहां के लोग शांतिप्रिय है और छत्तीसगढ़ पूरे देश में शांति का टापू बना हुआ है। हमारी सरकार कबीर के बताए रास्ते पर चल रही है। दामाखेड़ा के सर्वांगीण विकास के लिए बजट की कोई कमी नहीं होगी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ.महंत ने अपने उद्बोधन में कहा कि दामाखेड़ा मेला में देश-विदेश के लोग एकत्र होते हैं। गुरूओं का आशीर्वाद इस दौरान उन्हें मिलता है। उन्होंने कबीर के दोहे पढ़कर गुरू का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि महात्मा कबीर का आशीर्वाद है कि राज्य का पूरा मंत्रिमण्डल कबीरपंथियों से भरा है और उनकी राह का अनुगमन करता है।