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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले अब मिलेंगे हिन्दी में

बिलासपुर 09 नवम्बर।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अब पक्षकारों को हिन्दी में फैसले की अधिकारिक प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश टीबी राधाकृष्णन ने इसकी घोषणा विधिक सेवा दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में की।न्यायाधीश राधाकृष्णन ने कहा कि उच्च न्यायालय की अधिकारिक भाषा अंग्रेजी है,पर पक्षकारों को फैसले की जानकारी हिन्दी में मिलनी चाहिए, जिसे वे आम तौर पर समझते हैं।उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अंग्रेजी में दिए जाने वाले फैसलों को हिन्दी में रूपांतरित करने की व्यवस्था कर दी गई है।

रजिस्ट्रार जनरल गौतम चौरड़िया ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय हिन्दी में फैसले की प्रतिलिपि प्रदान करने वाला देश का पहला उच्च न्यायालय हो गया है।हिन्दी रूपान्तरण प्राप्त करने के लिए पक्षकार को शुल्क देना होगा, जो न्यूनतम होगा।

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आज से 10 दिवसीय जनजागरण कार्यक्रम कनेक्टिंग टू सर्व कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए न्यायाधीश राधाकृष्णन ने कहा कि विधि के छात्रों, अधिवक्ता और न्यायाधीशों को मिल-जुलकर विधिक सेवा उपलब्ध कराने के लिए काम करना चाहिए।आज तकनीकी संसाधनों का उपयोग करते हुए जनता को विधिक सहायता की जानकारी उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।

प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने इस मौके पर कहा कि समाज के कमजोर वर्ग को न्याय का समान अवसर देने के लिए सन् 1995 में 9 नवंबर को ही विधिक सेवा शुरू की गई। इसलिए जन्मदिन की तरह इस अवसर पर हम आयोजन करते हैं। हमें विधिक सेवा के लिए नए संकल्प लेने हैं। हमें अपने व्यवसाय के अलावा विधिक सेवा के लिए समय निकालना है। केवल अदालती मामलों में सहायता नहीं, बल्कि मानसिक अस्वस्थ, आदिवासी, महिला, बच्चों और अन्य असमर्थों को शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना इसका मकसद है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश एनडी  तिगाला ने कहा कि आज का आयोजन पूर्व के आयोजनों से भिन्न है। इस बार 10 दिन का जन-जागरण अभियान शुरू किया गया है।

विधिक सेवा दिवस के अवसर पर एनएसएस, सीएमडी कॉलेज इकाई, विधि के छात्रों और पैरालीगल वालेंटियर्स की ओर से एक रैली भी आज निकाली गई।मुख्य न्यायाधीश और विधिक सेवा कार्यपालक अध्यक्ष ने इसे हरी झंडी दिखाई।