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पेशा कानून से आदिवासी समाज में आत्मनिर्भरता और स्वालंबन की आएगी भावना-भूपेश

रायपुर 11 जुलाई।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पेशा कानून के नियम बन जाने से अब इसका क्रियान्वयन सरल हो जाएगा। इससे आदिवासी समाज के लोगों में आत्मनिर्भरता और स्वावलबन की भावना आएगी।

श्री बघेल ने आज यहां निवास कार्यालय में आभार व्यक्त करने आए सर्व आदिवासी समाज और बैगा समाज के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पेशा कानून के नियम बन जाने से अब इसका क्रियान्वयन सरल हो जाएगा। इससे आदिवासी समाज के लोगों में आत्मनिर्भरता और स्वावलबन की भावना आएगी। उन्होंने कहा कि पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय के होंगे। इस 50 प्रतिशत में  एक चौथाई महिला सदस्य होंगे। ग्राम सभा का अध्यक्ष आदिवासी ही होगा। महिला और पुरुष अध्यक्षों को एक-एक साल के अंतराल में नेतृत्व का मौका मिलेगा। गांव के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का अधिकार भी होगा।

उन्होने कहा कि समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय के लोग जो किसी कारण से अन्य राज्यों में चले गए हैं। उन्हें वापस छत्तीसगढ़ में लाने में भी अपना योगदान दें। उन्हें भी राज्य सरकार की योजना के तहत पात्रता अनुसार लाभ दिया जाएगा। उन्होने कहा कि मात्रात्मक त्रुटि या अन्य कारणों से जिन आदिवासी जाति के लोगों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है, उनके लिए राज्य स्तरीय टीम शोध और अनुसंधान के लिए दस्तावेज तैयार करेगी, जिसे केंद्र सरकार को प्रेषित किया जाएगा।उन्होने कहा कि वनोपज का वैल्यू एडिशन कर वनवासियों को उचित मूल्य दिलाने का कार्य किया जा रहा है। वनोपज को सुरक्षित रखने का प्रबंध भी किया जा रहा है।