प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर शनिवार को उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे साहस और देशभक्ति के प्रतीक हैं। पीएम मोदी ने अपने दौरे की तस्वीरें पोस्ट करते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा- लोकमान्य तिलक की चिरस्थायी विरासतों में से एक बड़े पैमाने पर गणेश उत्सव है, जिसने लोगों के बीच सांस्कृतिक चेतना की भावना को प्रज्वलित किया। अपनी एक मुंबई यात्रा के दौरान, मैंने लोकमान्य सेवा संघ का दौरा किया, जिसका लोकमान्य तिलक के साथ घनिष्ठ संबंध है
One of the everlasting legacies of Lokmanya Tilak is the large scale Ganesh Utsavs, which ignited a spirit of cultural consciousness among the people. During one of my Mumbai visits, I visited the Lokmanya Seva Sangh, which has a close association with Lokmanya Tilak. pic.twitter.com/AwtYpkpc1E
— Narendra Modi (@narendramodi) July 23, 2022
मां भारती के दोनों सपूत साहस और देशभक्ति के प्रतीक हैं’
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं मां भारती के दो महान सपूतों लोकमान्य तिलक और चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। ये दो दिग्गज साहस और देशभक्ति के प्रतीक हैं।’ प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ एपिसोड की क्लिप भी साझा की जिसमें उन्होंने दो स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी.
23 जुलाई 1906 को हुआ चंद्रशेखर आजाद का जन्म
चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को हुआ था। उनके पिता का नाम सीताराम तिवारी और माता का नाम जगरानी देवी था। आजाद ने एक क्रांतिकारी नेटवर्क चलाया और अंग्रेजों के हाथों कभी न पकड़े जाने का संकल्प लिया। 1931 में पुलिस के साथ एक मुठभेड़ के दौरान वे अपने ‘आजाद’ (मुक्त) रहने के संकल्प पर खरा उतरते हुए शहीद हो गए।
बाल गंगाधर तिलक का 1856 में हुआ जन्म
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था। उनका पूरा नाम केशव गंगाधर तिलक था। तिलक ने गवर्नटमेंट ला कालेज से शिक्षा ग्रहण की। वे फर्ग्युसन कालेज, डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी और न्यू इंग्लिश स्कूल के संस्थापक थे। उनका लोकप्रिय नारा था- स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे। उनका निधन एक अगस्त 1920 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने मशहूर गीता रहस्य नामक पुस्तक भी लिखी।