नई दिल्ली 25 अगस्त।आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गेहूं के आटे का निर्यात प्रतिबंधित करने के लिए नीति में संशोधन करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
इस स्वीकृति के बाद गेहूं के आटे का निर्यात प्रतिबंधित किया जा सकेगा,जिससे घरेलू बाजार में आटे की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण पाना सुगम होगा और समाज के कमजोर वर्गों को खाद्य सुरक्षा मिल सकेगी।
रूस और यूक्रेन गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक हैं और एक-चौथाई गेहूं की आपूर्ति करते हैं।दोनों देशों के बीच संघर्ष से गेहूं की आपूर्ति पर असर पड़ा है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं की मांग में वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में तेजी आई है।सरकार ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था।
भारतीय गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के आटे की मांग बढ़ गई। इस वर्ष अप्रैल से जुलाई की अवधि में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में गेहूं के आटे के निर्यात में दो सौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे घरेलू बाजार में भी आटे की कीमतों में वृद्धि हुई है।