श्योपुर 17 सितम्बर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आठ चीतों को छोड़ा।
श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि 21वीं सदी का भारत पूरी दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी अलग-अलग क्षेत्र नहीं हैं। आज दुनिया में जब भी प्रकृति और पर्यावरण की बात होती है तो इसमें सतत विकास का उल्लेख अवश्य होता है।
उन्होने कहा कि चीता पुनर्वास के लिए कार्ययोजना तैयार की गई और भारत के प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों ने दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के विशेषज्ञों के साथ मिलकर व्यापक शोध किया।उन्होने कहा कि 2014 में सरकार बनने के बाद देश में लगभग 250 नए संरक्षित क्षेत्र जोड़े गए हैं।
वर्ष 1952 में चीता को भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था। इन चीतों को विश्व की सबसे बड़ी अंतर-महाद्वीपीय स्थानान्तरण परियोजना के तहत भारत लाया गया है। चीतों को प्राकृतिक वास में छोड़ा जाना भारत के वन्य जीवन और इनके प्राकृतिक ठिकानों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों का हिस्सा है।
श्री मोदी ने देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य पूर्वक इंतजार करना होगा। चीते हमारे मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएँ, इसके लिए हमें इन चीतों को कुछ महीने का समय देना होगा। अंतर्राष्ट्रीय गाइडलाइन्स का पालन करते हुए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इन चीतों को बसाने के पूरे प्रबंध किये गये हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत की धरती पर चीतों के पुनर्वास के लिये नामीबिया, साउथ अफ्रीका सहित भारत के वैज्ञानिकों और विषय-विशेषज्ञों के शोध के बाद तैयार विस्तृत चीता एक्शन प्लान को परिणाम मूलक बनाया गया।