बीजापुर 25 दिसम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी क्षेत्रों और आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए वचनबद्ध है। सरकार की योजनाओं से शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में विकास के कार्य तेजी से हो रहे है।
डॉ. सिंह आज जिले के भैरमगढ़ में आयोजित अखिल भारतीय हल्बा हल्बी आदिवासी समाज के राष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर समाज की वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन किया। डॉ. सिंह ने जिला मुख्यालय बीजापुर में समाज के भवन निर्माण के लिए 25 लाख रूपये का स्वेच्छा अनुदान देने की भी घोषणा की।
डॉ.सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए हलबा-हल्बी समाज को एक प्रगतिशील समाज बताया। उन्होंने कहा- इस समाज के 95 फीसदी युवा हायर सेकेण्डरी की शिक्षा तक पहुँचने में सफल होते है यह समाज की जागरूकता को प्रदर्शित करता है। शिक्षा से ही समाज में जागरूकता आती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजातियों और अनुसूचित जातियों के लाखों लोगो के हित में हाल ही में एक बड़ा निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के 22 और अनुसूचित जाति वर्ग के पांच समुदायों के जातीय नामों में 85 उच्चारण विभेदों के फलस्वरूप जाति प्रमाण पत्र जारी करने में काफी दिक्कत हो रही थी।लेकिन अब सरकार ने इन उच्चारण विभेदों को मान्य करते हुए इस समस्या का निराकरण कर दिया है।इससे अब इन समुदायों के विद्यार्थियों और अन्य आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र आसानी से मिल सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है।उन्होंने कहा पिछले 14 वर्षो में छत्तीसगढ़ आदिवासी अंचलो में जो विकास के कार्य हुए है और जो योजनाएं शुरू की गयी है, उनके बारे में पहले कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था।माँ दंतेश्वरी व भैरम बाबा के आशीर्वाद से बीजापुर और दंतेवाड़ा,जैसे जिलों में हमने विकास की आधारशिला रखी है। अगले 6 माह के भीतर प्रदेश के सात लाख परिवारो को बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य है।इस लक्ष्य को पूर्ण करते हुए हम शत प्रतिशत गावों और घरों को रौशन करेंगे।प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 35 लाख परिवारो को रसोई गैस कनेक्शन दिया जा रहा है।