रायपुर 29 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर.के.विज ने कहा कि पाक्सों और जुबेनाइल जस्टिस एक्ट में बच्चों के हितों के संरक्षण हेतु सभी कानूनी प्रावधानों को लागू करने के लिए पुलिस अधिकारियों को इसे सही ढंग से समझना आवश्यक है।
श्री विज ने राज्य में बच्चों के हितों को संरक्षण और बाल अपराध एवं ट्रैफिकिंग पर नियंत्रण के उद्देश्य से पुलिस अधिकारियों के दो सप्ताह के समापन अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के हितों का संरक्षण इतना महत्वपूर्ण विषय है कि केन्द्र सरकार को प्रभावी ढंग से कानून बनाना पड़ा। पाक्सों और जुबेनाइल जस्टिस एक्ट में बच्चों के हितों के संरक्षण हेतु सभी कानूनी प्रावधान बनाए गए हैं, इन कानूनों को लागू करने के लिए सभी पुलिस अधिकारियों को सही ढंग से समझना आवश्यक है।
उन्होने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पुलिस को ऐसा व्यवहार नहीं चाहिए, जिससे पीडि़त व्यक्ति अथवा समाज या बच्चों को कष्ट पहुंचे। क्योंकि पुलिस के परिवार के सदस्य भी समाज के सहभागी है। किसी घटना के बाद प्रायः पुलिस पर घटना स्थल पर देरी से पहुंचने, प्रभावी इलाज नहीं कराने, परिवार वालों को समय पर सूचना नहीं देने अथवा जांच सही ढंग से नहीं करने जैसे आरोप लगाए जाते हैं। इसलिए पुलिस को बहुत ही संवेदनशील होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना आवश्यक है।
श्री विज ने कहा कि देश में पुलिस सेवा ही एक मात्र सेवा है, जिसको समाज के पीडि़त और दुःखी व्यक्ति का दुःख-दर्द दूर करने का कानूनन अधिकार प्राप्त है।यह सेवा समर्पित होकर करना चाहिए। बच्चों पर होने वाले अपराध तथा बच्चों द्वारा किए जाने वाले अपराध की बारिकियों को समझने और बच्चों को अव्यस्क अथवा व्यस्क साबित करने के लिए जन्म तिथि निर्धारण का जूबेनाइल जस्टिस एक्ट में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं।उन्होंने बच्चों की गुमशुदगी के बाद बरामदगी पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, साथ ही पुलिस अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि समाज में अन्य व्यक्तियों से ज्यादा जिम्मेदारी पुलिस की होती है, अतः अपने ज्ञान का दायरा बढ़ाना चाहिए।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India