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मणिपुर हिंसा मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही हुई बाधित

नई दिल्ली 26 जुलाई।मणिपुर हिंसा मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आज भी बाधित रही।

   लोकसभा में दूसरे स्‍थगन के बाद दोपहर बाद दो बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो शोरगुल के बीच संक्षिप्‍त चर्चा के बाद वन-संरक्षण संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, जनता दल यूनाइटेड और अन्‍य दलों के सदस्‍य मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर नारे लगाते रहे। लगातार हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्‍थगित कर दी गई।

   पहले स्‍थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर कांग्रेस के गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव पेश किया। शोर शराबे के बीच छह विधेयक भी पेश किये गये। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, जनता दल यूनाइटेड और अन्‍य दलों के सदस्‍य मणिपुर मुद्दे को लेकर लगातार नारे लगाते रहे। कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्‍थगित कर दी गई।

   सवेरे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सदस्‍य सदन के बीचों बीच आकर नारेबाजी करने लगे। राजस्‍थान से भारतीय जनता पार्टी के कुछ सदस्‍य अशोक गहलोत सरकार को निशाना बनाते हुए लाल डायरी लहराते हुए देखे गए। उन्‍होंने राज्‍य सरकार पर भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया। पश्चिम बंगाल के भाजपा सदस्‍यों ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगाए। अध्‍यक्ष ओम बिरला ने सदस्‍यों से शांति बनाए रखने की बार-बार अपील करते हुए कहा कि सदन चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्षी सदस्‍यों की नारेबाजी जारी रही। हंगामे के बीच अध्‍यक्ष ने प्रश्‍नकाल चलाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। बाद में सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्‍थगित कर दी गई।

   राज्‍यसभा में भी मणिपुर मुद्दे को लेकर हंगामे की स्थिति रही। भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे कार्यवाही फिर शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, राष्‍ट्रीय जनता दल, वाम दलों और अन्‍य दलों के सदस्‍यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस मुद्दे पर हर कोई चर्चा के लिए तैयार है लेकिन प्रधानमंत्री इस पर संसद में बयान देने के लिए क्‍यों तैयार नहीं है। इसके बाद विपक्षी दल सदन से बाहर चले गये। इस दौरान सदन में संविधान-अनुसूचित जनजाति आदेश तीसरा संशोधन विधेयक 2022 ध्‍वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिये स्थगित कर दी गई।

   पहले स्‍थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही फिर शुरू हुई तो भी विपक्षी सदस्‍यों ने मणिपुर मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी रखा। हंगामे के बीच सदन में प्रश्नकाल चलता रहा। इससे पहले जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड ने कहा कि उन्‍हें मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के अंतर्गत कई नोटिस मिले हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर अल्‍पकालिक चर्चा की इच्‍छा पहले ही व्‍यक्‍त कर चुकी है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि उन्‍हें कल सदन में बोलने नहीं दिया गया। इस पर सभापति ने स्‍पष्‍ट किया कि श्री खरगे का माइक बंद नहीं किया गया था। इस पर विपक्षी सदस्‍यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सत्तारूढ़ दल के सदस्‍यों ने भी जवाब में नारे लगाए। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्‍थगित कर दी गई।