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पुत्रदा एकादशी के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस खास अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने का विधान है। इस बार पौष माह में 21 जनवरी पुत्रदा एकादशी है। मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन कुछ कार्यों करने की सख्त मनाही है, जिनको करने से साधक को जीवन में दुख और संकटों का सामना करना पड़ता है और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। साथ ही पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। चलिए जानते हैं पुत्रदा एकादशी के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।

पुत्रदा एकादशी के दिन न करें ये कार्य

  • पुत्रदा एकादशी के दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए
  • इसके अलावा व्रती को सुबह की पूजा करने के बाद दिन में सोना नहीं चाहिए।
  • एकादशी के दिन तुलसी में जल न दें। क्योंकि तुलसी माता एकादशी का निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए एकादशी तिथि के दिन तुलसी में जल नहीं देना चाहिए।
  • इसके अलावा पुत्रदा एकादशी के दिन बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को दोष लगता है।
  • पुत्रदा एकादशी के दिन किसी पशु-पक्षी को परेशान न करें।
  • इस दिन किसी के प्रति बुरा न सोचें।

पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जनवरी को संध्याकाल 07 बजकर 26 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 21 जनवरी को संध्याकाल में 07 बजकर 26 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस बार 21 जनवरी को पौष पुत्रदा एकादशी मनाई जाएगी।

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