अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत के साथ प्रस्तावित ड्रोन सौदे को लेकर उम्मीद जताई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सौदे से रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ेगा। बता दें कि ड्रोन सौदे की घोषणा पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान की गई थी।
रक्षा साझेदारी में काफी वृद्धि हुईः विदेश विभाग
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने भारत के साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाने और सैन्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने में समझौते के महत्व पर जोर दिया। मिलर ने कहा, पिछले दशकों में अमेरिका और भारत के बीच रक्षा साझेदारी में काफी वृद्धि हुई है। ड्रोन सौदे पर उन्होंने कहा कि यह एक प्रस्तावित सौदा है, जिसकी घोषणा पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान की गई थी।
मैथ्यू मिलर ने कहा कि हमारा मानना है कि यह भारत के साथ रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग और क्षेत्र में सैन्य सहयोग को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी हथियार हस्तांतरण प्रक्रिया में अमेरिकी कांग्रेस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भारत के लिए ड्रोन डील काफी अहम
उन्होंने कहा कि हम अपनी औपचारिक अधिसूचना से पहले नियमित रूप से विदेशी मामलों की समितियों पर कांग्रेस के सदस्यों के साथ बात करते हैं, जिससे उनके मन में कोई सवाल नहीं रहे। बता दें कि प्रस्तावित ड्रोन सौदा अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंधों को मजबूती देने के लिए काफी अहम है।
भारत को मिलने हैं 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन
इससे पहले कहा गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने भारत को 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन देने को लेकर अभी तक अमेरिकी कांग्रेस (अमेरिकी संसद के दोनों सदन) को सूचित नहीं किया है। इस समझौते के तहत अमेरिका द्वारा तीन अरब डॉलर में भारत को 31 प्रीडेटर ड्रोन देना प्रस्तावित है।
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