सिंगापुर 02जून।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों के निपटारे के लिए सामूहिक और समन्वित प्रयासों का आह्वान किया है।
श्री मोदी ने कल शाम शंगरी ला संवाद में प्रमुख व्याख्यान देते हुए सभी देशों के सह-अस्तित्व के लिए सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि के पांच सिद्धांतों का सुझाव दिया।उन्होने कहा कि क्षेत्र में शांति और तालमेल सुनिश्चित करने के लिए सभी देशों को अपने मतभेदों से परे जाकर एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सिंगापुर को एशिया का दक्षिण-पूर्वी द्वार बताते हुए आसियान राष्ट्रों के साथ हमारे संबंधों को सराहते हुए भारत और अन्य राष्ट्रों के बीच सुधरते संबंध और उसके मायने समझाये। उन्होंने कहा कि इंडो पेसिफिक प्रांत में मुक्त खुला और अपनापन का माहौल बने तो प्रगति और खुशहाली की तरफ अग्रसर हुआ जा सकता है। पूर्वी राष्ट्रों के साथ रिजनल को-पहनसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप बनाने से व्यापार, पूंजीकरण और सेवाओं के आदान प्रदान में बढ़ोत्तरी होगी।
अपनी सिंगापुर यात्रा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग के साथ 1948 में सिंगापुर में महात्मा गांधी की अस्थियां विसर्जित किये जाने की स्मृति में आज सवेरे क्लिफोर्ड पायर में एक पट्टिका का अनावरण किया। इससे पहले श्री मोदी ने श्री टोंग के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
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