कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत देश के पांच विश्वविद्यालयों को एआई यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए एकेटीयू ने पहल की है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की हर क्षेत्र में बढ़ती मांग के तहत इसके लिए दक्ष युवा व लोगों की भी जरूरत है। इसे देखते हुए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू), खुद को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित करेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अमेरिकन कंपनी व एआई विशेषज्ञ संस्थान एन वीडिया के साथ मिलकर काम शुरू कर दिया है।
हाल ही में कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने की एन वीडिया के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई है। इसमें विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर में एक विशेष लैब (सर्वर) स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसे ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) भी कहते हैं। इसके माध्यम से मैथ्स के कैलकुलेशन बहुत आसानी से सॉल्व किए जा सकेंगे। वहीं मशीन लर्निंग, डाटा साइंस आदि से जुड़ी चीजों पर भी काफी बेहतर तरीके से काम किया जा सकेगा।
कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार की योजना के तहत देश के पांच विश्वविद्यालयों को एआई यूनिवर्सिटी के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए एकेटीयू ने पहल की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल में एन वीडिया के साथ इसे लेकर बैठक की है। जो विश्वविद्यालय में एक ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीओ) स्थापित करेगी। इसमें वह आर्थिक सहयोग भी करेगी।
उन्होंने बताया कि इस यूनिट/ लैब की यह खासियत होगी की इसका प्रयोग हमारे विद्यार्थी कहीं से भी रिमोट लॉगिन से कर सकेंगे। इस लैब के स्थापित होने पर हम पहले चरण में अपने राजकीय संस्थान के विद्यार्थियों को इसके प्रयोग की अनुमति देंगे। इसके आगे के चरण में अन्य विद्यार्थियों व बाहर के लोगों को भी इसके लिए दक्ष किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की यह भी योजना है कि आम लोगों को एआई के प्रयोग की ट्रेनिंग देने के लिए आवश्यकतानुसार छात्रावास की भी सुविधा देगा।
स्टार्टअप के लिए होगा काफी उपयोगी
कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि यह लैब स्टार्टअप को इनक्यूबेट करने में काफी उपयोगी होगी। खासकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए। एआई मॉडल का प्रयोग कर वह अच्छे इनोवेशन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि एन वीडिया की ओर से छह माह व एक साल का सर्टिफिकेट कार्यक्रम व एमटेक प्रोग्राम भी चलाया जाता है। संस्थान से बात करके इस केंद्र से भी इन कार्यक्रम को शुरू कराएंगे। इसके लिए किसी तरह के अतिरिक्त संसाधन व क्लास की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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