पूर्व सांसद को एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज विनय प्रकाश तिवारी की अदालत से जमानत दे दिया गया। करीब 37 दिन जेल में रहने के बाद सुभाष यादव को जमानत मिली।
राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी रबड़ी देवी के भाई और पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष यादव को कोर्ट ने राहत दी है। उन्हें एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज विनय प्रकाश तिवारी की अदालत से जमानत दे दिया गया। करीब 37 दिन जेल में रहने के बाद सुभाष यादव को जमानत मिली। दरअसल, निचली अदालत में सुभाष यादव ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। लेकिन, यहां से उनकी याचिका खारिज कर दी गई। इसके बाद स्पेशल कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की। यहांं से सुभाभ यादव को जमानत मिल गई।
13 फरवरी को किया था सरेंडर
दरअसल, पूर्व के मामलों को लेकर सुभाष यादव फरार चल रहे थे। इससे पूर्व में पुलिस द्वारा एयरपोर्ट थाना अंतर्गत उनके फ्लैट में कुर्की-जब्ती से पूर्व इश्तहार भी चिपकाए गए थे। इसके बाद भी जब उन्होंने न्यायालय में आत्मसमर्पण नहीं किया। 13 फरवरी को दानापुर पुलिस भारी पुलिस बल के साथ सुभाष यादव के घर की संपत्ति की कुर्की-जब्ती करने के लिए पहुंची थी। इसी को ध्यान में रखते हुए सुभाष यादव ने उसी दिन यानी 13 फरवरी को पटना के एमपी-एमएलए न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।
इन आरोपों के कारण जेल जाना पड़ा था
पुलिस के अनुसार, सुभाष यादव पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और रंगदारी के एक मामले में जेल जाना पड़ा था। आरोप है कि पूर्व सांसद ने भीम वर्मा की मां से 96 लाख रुपये में अपनी पत्नी के नाम पर सात कट्ठा जमीन खरीदी थी। भीम ने आरोप लगाया कि 27 फरवरी 2021 से उसपर 60 लाख रुपये वापस करने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। पैसे नहीं देने पर उनकी मां और भाई को सुभाष यादव ने अपने घर में बंधक बना लिया था और पैसा वापस नहीं करने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। इसके बाद पीड़ित ने सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद सीएम के आदेश पर सुभाष यादव और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
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