राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि रामनवमी पर रामलला के सूर्य अभिषेक की तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि मंदिर के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाएगा जिससे कि मंदिर एक हजार साल तक सुरक्षित रह सके।
अयोध्या में साधु-संत और दुनिया भर में फैले करोड़ों रामभक्त 17 अप्रैल को होने वाली रामनवमी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह पहला मौका होगा जब रामलला भव्य मंदिर में रामनवमी मनाएंगे। इस मौके पर देश-दुनिया श्रद्घालु अयोध्या आ रहे हैं। इसे देखते हुए मंदिर की दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया है। रामनवमी के मौके पर 15 से 17 अप्रैल तक राममंदिर 20 घंटे खोला जाएगा। यानी रामलला 20 घंटे भक्तों को दर्शन देंगे।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि रामनवमी पर रामलला के सूर्य अभिषेक की तैयारी हो रही है। इसके लिए कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रामलला के मस्तक पर सीधे सूर्य की किरणें पड़ेंगी। इस पर वैज्ञानिक कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2024 के अंत तक राम मंदिर का प्रथम व द्वितीय तल बनकर तैयार हो जाएगा। प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना होगी। राम मंदिर 1000 साल तक सुरक्षित रहेगा। राम मंदिर का परकोटा 750 मीटर लंबा होगा। निर्माण का मुख्य लक्ष्य 2024 के अंत तक पूरा कर लेना है। मंदिर का निर्माण पूरा करने के बाद ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सप्त ऋषि मंदिर के लिए फाउंडेशन की खुदाई पूरी हो चुकी है। निर्माण में सबसे बड़ी चुनौती परकोटा यानी परिक्रमा निर्माण की है। परकोटा की लंबाई 750 मीटर है। श्रद्धालु लगभग एक किलोमीटर की परिक्रमा कर सकेंगे।
2024 के अंत तक परकोटा यानी परिक्रमा मार्ग को पूरा करना एक चुनौती है।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण में एलएनटी टीसीएस के साथ उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम भी अब शामिल हो गई है। राम मंदिर निर्माण में गति धीमी हो या तेज हो लेकिन गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। राम मंदिर की अवधि 1000 वर्ष की होगी इसी के तहत कार्य चल रहा है।