इस रूट के तमाम स्टेशनों पर इंटरलॉकिंग एवं ऑटोमेटिक सिग्नलिंग आदि का भी काम होना है। यह काम पूरा होते ही इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रतिघंटा हो जाएगी।
रेलवे के मिशन रफ्तार के तहत प्रयागराज से बनारस के बीच इसी वर्ष ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 130 किमी प्रतिघंटा हो जाएगी। अभी इस रूट पर वंदे भारत आदि ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 110 किमी प्रतिघंटा ही है। रेलवे अफसरों का कहना है कि यहां 130 की रफ्तार के लिए आधारभूत संरचना से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। अगस्त 24 तक संबंधित सेक्शन पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी।
प्रयागराज जंक्शन से रामबाग होते हुए बनारस जाने वाला रेलमार्ग पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के अधीन है। इस रेल मार्ग का बनारस से झूंसी तक दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण हो चुका है। अब झूंसी से प्रयागराज जंक्शन के बीच यह दोहरीकरण का कार्य चल रहा है। इसी दोहरीकरण मार्ग के तहत गंगा पर रेल विकास निगम पुल का भी निर्माण कर रहा है। अब पुल पर रेल पटरी बिछाने का कार्य चल रहा है।
इसके अलावा दारागंज से प्रयागराज रामबाग होते हुए जंक्शन तक भी दोहरीकरण के लिए समतलीकरण आदि का भी कार्य चल रहा है। यह कार्य अगले दो माह में पूरा होने की उम्मीद है।
अभी इस रूट पर वंदे भारत, स्वतंत्रता सेनानी, शिवगंगा एक्सप्रेस आदि ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 110 किमी प्रतिघंटा ही है। 130 किमी की अधिकतम रफ्तार होने के बाद वंदे भारत प्रयागराज से वाराणसी कैंट पहुंचने में महज सवा घंटे का ही वक्त लेगी। अभी वंदे भारत यह दूरी डेढ़ घंटे में तय करती है। वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार का कहना है ट्रेनों की रफ्तार 130 किमी प्रतिघंटा करने के लिए कार्य चल रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष यह कार्य पूरा हो जाएगा।