रायपुर, 15 जून।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त रखऩे की हिदायत दी है।
श्री साय ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गृह एवं जेल विभाग के कार्यो की समीक्षा करते हुए सख्त तेवर दिखाते हुए कहा कि प्रदेश में किसी भी कीमत पर कानून और व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। यदि ऐसा होता है तो जिम्मेदारी तय कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आम जनता के बीच पुलिस की सख्त और संवेदनशील छवि दिखनी चाहिए। जनता का विश्वास पुलिस पर रहे, इसके लिए एक मेकैनिज्म बनाने की आवश्यकता है। जनता का जितना पुलिस पर विश्वास रहेगा उतना ही अच्छा होगा।
उन्होने कहा कि नए कानून जो जुलाई में लागू हो रहे हैं इसके लिए समय रहते सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जाए। प्रदेश में नशाखोरी, जुआ और सट्टा पर सख्ती से रोक लगाई जाए। अवैध शराब, जुआ, सट्टा से संबंधित शिकायतें नहीं आनी चाहिए, इसके लिए जिले स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाए। जुआ और सट्टा बंद होने चाहिए। चिटफंड कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और कंपनियों से रिकवरी कर निवेशकों को उनकी राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं।
श्री साय ने कहा कि पुलिस प्रशासन की धमक हर क्षेत्र में दिखनी चाहिए। माओवाद का अंतिम रूप से खात्मा करना हमारा लक्ष्य है। माओवादी आंतक के खिलाफ हमारा अभियान लगातार जारी रहेगा। इस अभियान में पुलिस को अच्छी सफलता मिल रही है। इसके लिए पुलिस बधाई के पात्र है। माओवाद के खिलाफ पुलिस को अच्छी सफलता मिल रही है, यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना के तहत पुलिस कैम्पों के पांच किलोमीटर की परिधि में आने वाले गांवों के विकास के लिए राशि की कमी नही होगी। इस गांवों के विकास के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इस योजना के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राशि की कमी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के नवगठित जिलों में जहां अजाक थाने नहीं है, वहां शीघ्र अजाक पुलिस थाने खोले जाएंगे। पुलिस विभाग में रिक्त पदों की भर्ती और पदोन्नति की कार्रवाई शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस की क्षमता विकास के लिए अधिकारियों और जवानों के प्रशिक्षण नियमित रूप से आयोजित किए जाएं। पुलिस को सुदृढ़ और दक्ष बनाने के लिए राज्य सरकार के स्तर से संसाधनों की कोई कमी नही होगी।
उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने समीक्षा बैठक में कहा कि लॉ एन्ड ऑर्डर की स्थिति से निपटने हेतु एसओपी बनाने की आवश्यकता है ताकि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति निर्मित होने पर तत्काल कार्यवाही की जा सके और इसके लिए पुलिस एवं प्रशासन को प्रशिक्षित भी किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जिलों का दौरा करेंगे और कार्यो की समीक्षा भी करेंगे।
बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, डॉ. बसव राजू एस., राहुल भगत सहित गृह एवं जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।