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आलेख

परिवार में घमासान से समाजवादी पार्टी में चिंता – राज खन्ना

समाजवादी पार्टी में चिंता का माहौल है।सिर पर अखिलेश सरकार की नाकामियों का बोझ।उधर पार्टी के खेवनहार के परिवार का घमासान। यू पी की 2017 की लड़ाई के पहले ही खिलाफ नतीजों की आशंका से मौजूदा विधायकों  और टिकट की लाइन में लगे नेताओं में बेचैनी है।मुलायम सिंह यादव पहले भी …

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बचपन पर भारी बस्ते का बोझ -डा.संजय शुक्ला

स्कूल के भारी बस्ते से बच्चे किस कदर परेशान हैं इसकी बानगी बीते दिनों महाराष्ट्र के चंद्रपुर प्रेस क्लब में देखने को मिली जब कक्षा सातवीं में पढ़ने वाले 12 वर्ष के दो बच्चों ने इस समस्या पर प्रेस कांफ्रेस लेने की पेशकश करते हुए भूख हड़ताल की चेतावनी दे डाली। …

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भाजपा की दलित सोच सिंहस्थ से ऊना तक – रघु ठाकुर

गुजरात के गिर जिले के ऊना में दलितों के साथ मारपीट की घटना को डेढ़ माह से अधिक हो चुका है। इस घटना के बाद समूचे देश में दलितों ने आक्रमक भाषा में व तेवरो के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की तथा सड़कों पर निकलें। उनकी यह प्रतिक्रिया स्वाभाविक है और …

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हमारा कश्मीर, तुम्हारा बलूचिस्तान -संजय द्विवेदी

देर से ही सही भारत की सरकार ने एक ऐसे कड़वे सच पर हाथ रख दिया है जिससे पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान को मिर्ची लगनी ही थी। दूसरों के मामले में दखल देने और आतंकवाद को निर्यात करने की आदतन बीमारियां कैसे किसी देश को खुद की आग में जला …

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एक विफल देश का शोक गीत ! – संजय द्विवेदी

पाकिस्तान प्रायोजित हमलों से तबाह भारत आज दुखी है, संतप्त है और क्षोभ से भरा हुआ है।उसकी जंग एक ऐसे देश से है जो असफल हो चुका है, नष्ट हो चुका है और जिसके पास खुद को संयुक्त रखने का एक ही उपाय है कि भारत के साथ युद्ध के …

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राजधानी ही नहीं गांवों की ओर भी झांकिए जनाब –दिवाकर मुक्तिबोध

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर छत्तीसगढ़ की प्रगति से अभिभूत हैं। हाल  में ही में वे रायपुर प्रवास पर थे। महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के अलावा उन्होंने नई राजधानी का भी दौरा किया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी उनके साथ थे। यहां चमचमाती चौड़ी सड़कें, …

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पितरों का तर्पण और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस-दिवाकर मुक्तिबोध

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के नेतृत्व में गठित छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस प्राय: हर मौके को राजनीतिक दृष्टि से भुनाने की फिराक में रहती है। कह सकते हैं, एक ऐसी राजनीतिक पार्टी जिसे अस्तित्व में आए अभी 6 माह भी नहीं हुई हैं, के लिए यह स्वाभाविक है कि वह जनता …

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उत्तरप्रदेश चुनाव में बैसाखियों की तलाश – राज खन्ना

 खतरे की घंटी की गूंज तेज है।समाजवादी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को इसने चौकन्ना किया है।समाजवादी पार्टी पहले ही सत्ता विरोधी रुझान को लेकर फिक्रमंद थी।पारिवारिक कलह ने बाकी कसर पूरी कर दी है।उधर चार महीनो से उ.प्र. को मथने की कांग्रेसी कोशिशें भी परवान चढ़ती नजर नहीं आ …

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सोशल मीडिया या डाकिया – रघु ठाकुर

समूची दुनिया में इस समय सूचना तकनीक की क्रांति का दौर है। नित्य नये प्रकार की खोज और नये तकनीक के उत्पाद सामने आ रहे हैं। दरअसल सोशल मीडिया सूचना तकनीक और इंटरनेट की संतान है। इसके अंर्तगत वेब, ट्विटर, फेसबुक, हेसटेग, इंस्टाग्राम जैसे ही कितने नये नये प्रकार के …

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दिलों के फासले के बीच मिले अखिलेश शिवपाल – राज खन्ना

हाथ पैरों की ओर झुके।जबाब में आशीष के हाथ भी उठे।पर जब माइक सामने आया तो दिल की बात जुबान पर थी।इसमें तल्खी थी।दर्द भी।गिले शिकवे भी।मुलायम परिवार को एक दिखाने की हर कोशिश में रिश्तों की तुरपन कुछ और उधड़ जाती है।अखिलेश की रथ यात्रा की शुरुआत के कार्यक्रम में …

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