Tuesday , May 7 2024
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आलेख

नरेंद्र भाई की तराज़ू पर टके सेर तुलता देश- पंकज शर्मा

यह बात मेरी समझ में आ क्यों नहीं रही है कि हिंदू हृदय सम्राट नरेंद्र भाई मोदी देश की बेशकीमती संपत्तियां बेच कर हम देशवासियों के लिए छह लाख करोड़ रुपए जुटाने के लिए दिन-रात एक क्यों कर रहे हैं?…. वे बेच क्या-क्या रहे हैं? 26,700 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग …

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सरसंघ संचालक मोहन भागवत के बयान के निहतार्थ – रघु ठाकुर

सरसंघ संचालक मोहन भागवत को अपने विषय से इतर शोध निष्कर्ष निकालने का विशेष अभ्यास है। अभी कुछ समय पूर्व उन्होंने एक बयान में कहा था कि देश के सभी हिन्दू और मुसलमानों का डी.एन.ए. एक है। जिसकी कुछ चर्चा भी देश में सकारात्मक ढंग से हुई थी परन्तु अचानक …

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शुभ यात्रा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ! – रूचिर गर्ग

(जन्मदिन 23 अगस्त पर) ये उस दिन की बात है जिस दिन उन्होंने किसानों के सवाल पर आर्थिक नाकेबंदी का आह्वान किया था।पार्टी के नेता – कार्यकर्ता बड़ी तादाद में जुटे थे,लेकिन उनमें से ही उनके एक करीबी नेता को कुछ खटक रहा था.उस नेता ने धीरे से आ कर …

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भूपेश की बदौलत बज रहा है छत्तीसगढ़ी अभिमान,स्वाभिमान का डंका- राजेश बिस्सा

(जन्मदिन पर विशेष) महात्मा गांधी का मानना था की विकास की धारा जब समाज के सबसे कमजोर व निचले वर्ग के उत्थान से प्रवाहित होगी तभी वह कल्याणकारी समृद्धकारी व स्थाई रूप से सफल होगी।आज श्री भूपेश बघेल जी इन्हीं आदर्शों को मापदंड मानकर जनकल्याण को निकल पड़े हैं। उनकी …

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विजन ने दिया विकास का यूनिक मॉडल- केशरवानी

(जन्मदिन 23 अगस्त पर विशेष) मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का मानना है कि भारत के नक्शे में सिर्फ एक अलग राज्य के रूप में एक भौगोलिक क्षेत्र की मांग नहीं थी, बल्कि इसके पीछे सदियों की पीड़ा थी। ये छत्तीसगढ़िया सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने की मांग थी। आम …

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राष्ट्रीय सुरक्षा पर उदासीन संसद-रघु ठाकुर

जून माह में जम्मू के भारतीय सैन्य अड्डे पर आतंकवादियों ने ड्रोन से हमला कर कई विस्फोट किये थे। यद्यपि इन विस्फोटो से कोई क्षति विशेष नहीं हुई परन्तु आतंकवादियों द्वारा भारत की सीमा पर इस नये प्रयोग को लेकर सैन्य अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों में चिंता व्याप्त है। बताया …

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नरेंद्र भाई और छद्म-गैयाओं के बीच हम – पंकज शर्मा

नरेंद्र भाई मोदी राजकाज के हर कूचे में बेआबरू हैं। वे आर्थिक बहीखाते के हर पन्ने के खलनायक हैं। वे देश की सुरक्षा के बाहरी-भीतरी मोर्चों पर लड़खड़ाए हुए हैं। वे राजनय के हर अंतःपुर में अवांछित-से हो गए हैं। वे देश की सामाजिक फुलवारियों के कंटक हैं। वे सवा …

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आपातकाल की ओर बढ़ता देश ? – रघु ठाकुर

भारत सरकार ने सेन्ट्रल रूल ऑफ 2007 जो 2008 में अधिसूचित हुये थे,में संशोधन किया है। इसमें से दो संशोधन विशेष महत्व के एवं चर्चा योग्य है। क्योंकि इनका प्रभाव संविधान द्वारा प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकारों के विपरीत हो सकता है।पहला संशोधन यह है कि 2008 की अधिसूचना में विभागीय गोपनीयता …

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लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या घटा कर 148 कैसे की जाए ! –पंकज शर्मा

अगर कोई राज्यों में विधायकों की संख्या बढ़ाने की बात करे तो समझ में भी आए। सांसदों की संख्या बढ़ाने की बात से मुझे या तो मूर्खता की गंध आती है या फिर किसी साज़िश की बू। इससे किसी के प्रधानमंत्री बनने या बने रहने की राह भले ही हरी-भरी …

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मृत्यु का दर्शन क्या हो ?- रघु ठाकुर

गत 03 जुलाई 21 की रात 11 बजे मुझे एक डा.मित्र ने सूचना दी की डा.एच.एन. भूरिया ने भोपाल में अपने घर में फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।उन्हें यह जानकारी कहीं से मिली थी कि डा.भूरिया कुछ दिनों पहले कोविड से पीड़ित हुये थे। यद्यपि वे उससे स्वस्थ्य हो …

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