यह कितनी विचित्र बात है कि छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए राज्य सरकार राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजी जाती रही है लेकिन राज्य के किसान एक तो ऋणग्रस्तता की वजह से आत्महत्या करते रहे हैं या फिर अपनी उपज मुफ्त में या औने-पौने दामों में बेचने …
Read More »मैं ही, मैं हूं दूसरा कोई नहीं ! – संजय द्विवेदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देखकर अनेक राजनीतिक टिप्पणीकारों को इंदिरा गांधी की याद आने लगी है। कारण यह है कि भाजपा जैसे दल में भी उन्होंने जो करिश्मा किया है, वह असाधारण है। कांग्रेस में रहते हुए इंदिरा गांधी या सोनिया गांधी हो जाना सरल है। किंतु भाजपा में यह …
Read More »भारतीय मन और प्रकृति के खिलाफ है कैशलेस-संजय द्विवेदी
हिंदुस्तान के दो बड़े नोटों को बंद कर केंद्र सरकार और उसके मुखिया ने यह तो साबित किया ही है कि ‘सरकार क्या कर सकती है।’ इस फैसले के लाभ या हानि का आकलन तो विद्वान अर्थशास्त्री करेगें, किंतु नरेंद्र मोदी कड़े फैसले ले सकते हैं, यह छवि पुख्ता ही …
Read More »बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की कवायद – डॉ. संजय शुक्ला
आबादी के हिसाब से दुनिया के दूसरे बड़े देश भारत में आजादी के छह दशक बाद भी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अत्यंत लचर है खासकर ग्रामीण भारत में।यह अतिष्योक्ति नहीं होगी कि आजाद भारत में सबसे ज्यादा प्रयोग शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी क्षेत्रों में ही हुआ है,लेकिन नतीजे …
Read More »बस्तर ने देखा अब तक का सर्वाधिक बुरा दौर-दिवाकर मुक्तिबोध
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. रमन सिंह का तीसरे कार्यकाल का उत्तरार्ध लोकप्रियता की अब तक की जमा-पूंजी पर पानी फेरता नजर आ रहा है। बीते एक-दो वर्षों में चंद घटनाएं ऐसी हुई हैं जो यह अहसास कराती हैं कि वे प्रसिद्धि के शिखर से नीचे उतर रहे …
Read More »क्या अब प्रतिभा पलायन पर अंकुश लगेगा ? – डा.संजय शुक्ला
हाल ही में अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा द्वारा एच-1बी वीजा से संबंधित एक नया विधेयक पेश किया गया है,जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यह वीजा उन गैर अमेरिकियों को मिलेगा जिन्हें अमेरिकी अथवा विदेशी कंपनियों से अमेरिका में न्यूनतम 1 लाख 30 हजार डालर यानि लगभग 88 …
Read More »राजनीति के बिगड़े बोल-संजय द्विवेदी
भारतीय राजनीति में भाषा की ऐसी गिरावट शायद पहले कभी नहीं देखी गयी। ऊपर से नीचे तक सड़कछाप भाषा ने अपनी बड़ी जगह बना ली है। ये ऐसा समय है जब शब्द सहमे हुए हैं, क्योंकि उनके दुरूपयोग की घटनाएं लगातार जारी हैं।राजनीति जिसे देश चलाना है और देश को …
Read More »भारत में असंक्रामक रोगों से हो रही है अधिक मौतें, ऐसे करें खुद का बचाव
हेल्थ डेस्क: देश में कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और फेफड़ों की बीमारियों जैसे असंक्रामक रोगों (एनसीडी) से होने वाली मौतों के मामले 70 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। यह आंकड़ा तीन साल पहले 42 प्रतिशत था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, एनसीडी का भार भारत में तेजी से बढ़ रहा है। …
Read More »OMG! तो इस साल तक दुनिया में नेत्रहीनों की संख्या हो जाएंगी तिगुनी
हेल्थ डेस्क: खराब लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान के कारण हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ता। आज के समय में ऑफिस में दिनभर कम्प्यूटर के सामने बैठे रहने से हमें आंखो संबंधी कई समस्याएं हो जाती है। जैसे कि धुंधला दिखना, आंखो से पानी आना, आई साइट कम हो जाना, आंको में दर्द …
Read More »सर्वेश्वर एनीकट में निविदा प्रक्रिया का पालन करने का दावा
रायपुर 01 अगस्त।जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता ने कोरबा के सर्वेश्वर एनीकट निर्माण के लिए विभाग द्वारा निविदा प्रक्रिया में नियमों का पूरी तरह से पालन करने का दावा किया है। प्रमुख अभियंता द्वारा जारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि कोरबा शहर की जनता को पेयजल मुहैया …
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