नई दिल्ली 21 जुलाई। संसद के कल से शुरू हो रहे बजट सत्र के काफी हंगामेदार होने के आसार है।इस सत्र में मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी।
सत्र के पूर्व होने वाली परम्परागत सर्वदलीय बैठक में आज विपक्षी दलों के रूख से साफ हो गया कि सत्र काफी हंगामेदार होगा।बैठक में कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा और नीट सहित पेपर लीक से जुड़े अन्य मुद्दों को उठाकर स्पष्ट संकेत दिया कि वह इस सत्र को हंगामेदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है। इतना ही नहीं, सरकार के सहयोगी दलों ने भी विशेष दर्जे का मुद्दा उठाते हुए केंद्र को अपनी प्राथमिकताओं का स्पष्ट संकेत दिया।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बैठक में दोनों सदनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए हर पार्टी से सहयोग मांगा तो कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बैठक में कहा कि विपक्ष को संसद में मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। बैठक में समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भोजनालयों को कांवड़ मार्ग के मालिकों के नाम दिखाने के विवादास्पद निर्देश का मुद्दा उठाया।
वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सरकार द्वारा उसके नेताओं को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के बारे में बात की और केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की। आंध्र प्रदेश में अराजकता का दावा करते हुए वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन ही इसका एकमात्र समाधान है। बैठक में बीजू जनता दल (बीजद) ने ओडिशा के राज्यपाल के बेटे द्वारा एक अधिकारी पर कथित हमले का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि वह कानून से ऊपर हैं। बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी सदन के पटल पर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने इसका संचालन किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में जनता दल (यूनाइटेड) और वाईएसआर कांग्रेस ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की लेकिन ‘अजीब’ बात यह रही कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) इस मामले पर चुप रही। रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में जद (यू) नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस नेता ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। अजीब बात रही कि तेदेपा नेता इस मामले पर चुप रहे।”