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वक्फ संशोधन विधेयक को भेजा गया संयुक्त संसदीय समिति को

नई दिल्ली 08 अगस्त।विपक्षी दलों के कड़े विरोध के बाद वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया।

 अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा कि सरकार प्रस्तावित कानून आगे की जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास इस विधेयक के बारे में छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।

    उन्होने कहा कि..अपने सरकार की ओर से हम पक्ष रखना चाहते हैं कि ज्‍वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी गठन करके इस बिल को रिफर किया जाए और फिर ऑल पार्टी अपने शंका के हिसाब से वहां पर विस्‍तार से चर्चा करें। इस कमेटी को अधिकृत रूप से यहां से आप पास कर दीजिए और भविष्‍य में हम खुले मन से इस तरह का आप का सजेशन हम जरूर सुनेंगे लेकिन देश के लिए जो सही है, हम जरूर करेंगे..। 

    श्री रिजीजू ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य धार्मिक निकाय के कामकाज में हस्तक्षेप करना नहीं है।उन्होने कहा कि..इस बिल में जो भी प्रावधान हैं आर्टिकल 25 से लेकर के 30 तक किसी रिलिजस बाडी का जो फ्रीडम है, उसमें कोई भी हस्‍तक्षेप नहीं किया जा रहा है न ही संविधान का किसी भी अनुच्‍छेद का इसमें उल्‍लंघन किया गया है। इसमें हम लोग जो ब्राड पेश किया है। किसी का हक छिनना तो बात छोड दीजिए, जिनको हक नहीं मिला है उनको हक देने के लिए यह बिल लाया गया है..।

     उन्होंने कहा कि यह कानून सच्चर समिति और पिछली सरकारों की विभिन्न समितियों की सिफारिशों के अनुसार लाया गया है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्डों के कामकाज में कई खामियां हैं और कुछ लोगों ने इन बोर्डों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि विधेयक हितधारकों के साथ बिना उचित परामर्श के लाया गया है।

    कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कझगम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  (शरद पवार), वामपंथी और अन्य दलों ने विधेयक का विरोध करते हुए इसे संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता के विरूद्ध बताया।