
रायपुर, 26 जुलाई।छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि भारत एक बार फिर वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
श्री चौधरी ने लघु उद्योग भारती छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित वार्षिक बैठक एवं उद्यमी सम्मेलन में कहा कि “प्रथम से 15वीं सदी तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, जिसका श्रेय हमारे मजबूत लघु और कुटीर उद्योगों को जाता है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने हेतु योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं।”
सम्मेलन में राज्य के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि अब तक राज्य को 6.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे हजारों रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। निवेश प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सॉफ्टवेयर आधारित अनुमति प्रणाली विकसित की जा रही है, और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बजट में विशेष सब्सिडी प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।
मुख्य वक्ता के रूप में लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र ने भारत के ऐतिहासिक औद्योगिक वैभव की चर्चा करते हुए छोटे उद्योगों से जुड़े उद्यमियों को संगठित होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
सीएसआईडीसी के चेयरमैन राजीव अग्रवाल ने राज्य की नई उद्योग नीति को निवेश के लिए उपयुक्त और रोजगारोन्मुखी बताया।लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय कोषाध्यक्ष समीर मुंदरा ने छत्तीसगढ़ में अपने अनुभव साझा किए और संगठन को और अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव दिए।
सम्मेलन के पहले चरण में संगठन की वार्षिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रदेश की 22 पूर्ण इकाइयों और 14 संयोजक इकाइयों ने भाग लिया। सरगुजा से बस्तर तक फैली इकाइयों ने क्षेत्रीय उद्योगों से जुड़े अनुभव साझा किए।बैठक में छत्तीसगढ़ की नई कार्यकारिणी की भी घोषणा की गई।
कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंघानिया ने स्वागत भाषण दिया, जबकि महामंत्री डॉ. श्रीमती सीपी दुबे ने संगठन के दो वर्षों के कार्यों की जानकारी साझा की।कोषाध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने वित्तीय विवरण प्रस्तुत किया और संयुक्त महामंत्री कैलाश चंद्रवंशी ने नव-चयनित पदाधिकारियों का परिचय कराया।इस अवसर पर ईश्वर पटेल, किशोर पटेल, रवि वर्मा, मोहन पटेल, योगेश पटेल सहित संगठन की विभिन्न इकाइयों के अध्यक्ष, सचिव और कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे।