नई दिल्ली 03अक्टूबर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज यहां एक विशेष समारोह में पर्यावरण संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पुरस्कार चैंपियन्स ऑफ द अर्थ अवार्ड से सम्मानित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरश ने श्री मोदी को यह पुरस्कार प्रदान किया। प्रधानमंत्री को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में अग्रणी भूमिका और 2022 तक भारत में प्लास्टिक का उपयोग समाप्त करने के अभूतपूर्व संकल्प के लिए नेतृत्व श्रेणी में चुना गया।
यह वार्षिक पुरस्कार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सरकारी, सामाजिक और निजी क्षेत्र के विशिष्ट नेताओं को दिया जाता है।
श्री मोदी ने सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा कि यह सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह आदिवासी, मछुआरों और किसानों के प्रति सम्मान है।चैंपियन्स ऑफ द अर्थ अवार्ड उन करोड़ों किसानों का सम्मान है जो इस मिट्टी को अपने प्राणों से भी प्रिय मानते हैं।ये भारत की उस महान नारी का सम्मान है, जिसके लिए सदियों से रीयूज और रीसाइकल रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा रहा है। ये भारत में प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले अनाम चेहरों का सम्मान है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पर्यावरण संरक्षण सदियों से भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु और आपदा से संस्कृति का सीधा रिश्ता रहा है अगर संस्कृति का जोर पर्यावरण पर नहीं हो तो आपदाओं से बचा नहीं जा सकेगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसे नेता हैं जो जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों को समझते हैं और जलवायु से मिलने वाले फायदों को जानते हैं।उन्होने कहा कि श्री मोदी जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन दुनिया के अस्तित्व के समक्ष एक सीधी चुनौती है। वे ये भी जानते हैं कि इस विनाश से बचने के लिए क्या किया जाना चाहिए। विश्व के अन्य नेता भी इस समस्या को पहचानते और समझते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी न केवल इस चुनौती को पहचानते हैं, बल्कि इसके हल की दिशा में पूरी ऊर्जा के साथ प्रयास कर रहे हैं।
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