राजधानी में अब यदि कोई पेड़ सड़क, भवन, मेट्रो या जान-माल के लिए खतरा बन रहा हो, तो आरडब्ल्यूए, व्यक्ति या एजेंसी 24 घंटे के भीतर ई-फॉरेस्ट पोर्टल पर फोटो, भू-स्थान और कारण सहित रिपोर्ट देकर कार्रवाई करवा सकते हैं। हरियाली के साथ-साथ जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पर्यावरण विभाग ने पेड़ों की कटाई और छंटाई के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
दिल्ली की हरित संपदा को बचाने और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरण विभाग ने दिल्ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्रीज एक्ट (डीपीटीए) 1994 की धारा-8 के तहत नई गाइडलाइन जारी की है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि बिना वृक्ष अधिकारी की अनुमति के पेड़ काटना या हटाना गैरकानूनी है, लेकिन आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की छूट दी गई है। दिल्ली सरकार का यह कदम आपात स्थिति में तेज कार्रवाई को आसान बनाएगा। साथ ही, पेड़ों की अवैध कटाई पर लगाम लगाएगा।
कानून के दुरुपयोग पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी
यह गाइडलाइन सूखे, मृत या झुके हुए पेड़ों, जो गिरने का खतरा रखते हों या बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा रहे हों, ऐसे मामलों में तेज कदम उठाने की सुविधा देगी। पर्यावरण मंत्री ने कहा है कि दिल्ली की हरियाली और लोगों की सुरक्षा दोनों महत्वपूर्ण है। ये गाइडलाइन पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ संतुलन बनाएगी। इसके दुरुपयोग पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। दूसरी तरफ वृक्ष अधिकारी भी खतरे का आकलन कर तत्काल कदम उठा सकते हैं।
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