
श्रीनगर, 26 जुलाई। सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने करगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ पर देशवासियों को एक सशक्त और स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” केवल एक सैन्य अभियान नहीं बल्कि भारत का संकल्प, एक रणनीतिक संदेश और आतंकवाद के पोषकों को निर्णायक उत्तर है।
जनरल द्विवेदी ने लद्दाख के द्रास में करगिल युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा,”1999 के ऑपरेशन विजय में भारतीय सेना ने करगिल की ऊंचाइयों पर अद्वितीय जीत दर्ज की थी। आज भी भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम और संकल्पित है।”
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ निर्णायक मोर्चा
हालिया पहलगाम हमले को ‘कायरतापूर्ण’ करार देते हुए सेना प्रमुख ने बताया कि भारत ने इस बार सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि स्पष्ट संदेश दिया है।“शांति को अवसर दिया गया, पर कायरता का उत्तर पराक्रम से ही दिया गया,” उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि 7 से 9 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से हुई सैन्य गतिविधियों का भारतीय सेना ने नपा-तुला, सटीक और संयमित जवाब दिया। “हमारी वायु रक्षा प्रणाली एक अजेय दीवार बनकर सामने आई, जिसे कोई ड्रोन या मिसाइल नहीं भेद सका।”
सेना में हो रहा है भविष्य की युद्ध रणनीति का निर्माण
जनरल द्विवेदी ने बताया कि भारतीय सेना तेजी से एक आधुनिक और बहुआयामी शक्ति में बदल रही है।
- ‘रुद्र’ ब्रिगेड का गठन किया जा रहा है, जिसमें इन्फेंट्री, मेकैनाइज्ड यूनिट, बख्तरबंद वाहन, तोपखाना, स्पेशल फोर्स और ड्रोन जैसी इकाइयों का एकीकरण होगा।
- ‘भैरव’ लाइट कमांडो बटालियन, एक विशेष घातक बल के रूप में कार्यरत होगी।
- हर इन्फेंट्री बटालियन में अब ड्रोन पलाटून, और तोपखाना में दिव्यास्त्र बैटरी से Loitering Munition का इस्तेमाल कर मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाया गया है।
- एयर डिफेंस सिस्टम को स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों से सुसज्जित किया जा रहा है।
युवाओं को दिया राष्ट्रनिर्माण का संदेश
सेना प्रमुख ने युवा कैडेटों और छात्रों से आह्वान किया:
“देश सेवा ईमानदारी, राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा से करें, चाहे क्षेत्र कोई भी हो – सेना, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा या उद्यमिता।”
उन्होंने करगिल विजय दिवस को केवल एक स्मृति नहीं, बल्कि एक “राष्ट्र संकल्प का प्रतीक” बताया।“हम शांतिप्रिय हैं पर कमजोर नहीं। हम सजग, संकल्पित और अडिग हैं। शहीदों की विरासत को आगे बढ़ाते हुए हम भारत को सुरक्षित, सशक्त और विकसित बनाएंगे।”