
पटना, 28 अक्टूबर। बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार अपने चरम पर पहुँच गया है। पहले चरण के लिए मतदान 6 नवम्बर को होगा, और इसके साथ ही राज्य में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन के घटक दल मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। महागठबंधन के प्रमुख नेता और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि गठबंधन आज अपना घोषणा पत्र जारी करेगा, जिसमें बिहार के विकास के लिए उनके दृष्टिकोण को विस्तार से बताया जाएगा। उन्होंने एनडीए के एजेंडे, संकल्पों और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम को लेकर सवाल उठाए।
वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार बनने पर सभी वर्गों को उनकी क्षमताओं के आधार पर प्रतिनिधित्व मिलेगा। उन्होंने आरजेडी पर एक परिवार तक सीमित राजनीति करने का आरोप लगाया। चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी का मंत्र है – “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास।”
दूसरी ओर, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने महागठबंधन पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।
इधर, बिहार के पंचायतीराज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने भी दावा किया कि एनडीए सरकार ने पिछले वर्षों में आम जनता के हित में अनेक विकास कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता एनडीए सरकार के काम से संतुष्ट है और आगामी चुनावों में दोबारा पूर्ण बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी।
बिहार की सियासत अब घोषणापत्रों, जनसभाओं और वादों की जंग में बदल गई है। पहले चरण के मतदान से पहले आने वाले दिनों में सभी दलों की रैलियाँ और तेज़ होंगी।
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