
रायपुर, 29 दिसंबर।आगामी गणतंत्र दिवस समारोह में नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर छत्तीसगढ़ की झांकी दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है।
इस वर्ष छत्तीसगढ़ की झांकी में जनजातीय वीर नायकों को समर्पित देश के पहले डिजिटल संग्रहालय की प्रभावशाली झलक प्रस्तुत की जाएगी। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के लिए छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन किया है।
झांकी के चयन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की झांकी के माध्यम से देशभर के नागरिकों को आदिवासी समाज की अटूट देशभक्ति, अदम्य साहस और अपने सिद्धांतों के लिए किए गए बलिदानों की गौरवशाली परंपरा को जानने और देखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने इसे पूरे राज्य के लिए गर्व और उत्साह का विषय बताया।
जनसंपर्क विभाग के सचिव रोहित यादव ने बताया कि सभी राज्यों ने अपनी-अपनी झांकियों के प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजे थे। लगभग चार महीने तक चली विस्तृत और कठोर चयन प्रक्रिया के बाद 17 राज्यों की झांकियों को अंतिम रूप से चयनित किया गया है, जिनमें छत्तीसगढ़ की झांकी भी शामिल है। विशेषज्ञ समिति ने छत्तीसगढ़ की झांकी की विषयवस्तु, प्रस्तुति शैली और अभिनव डिज़ाइन की विशेष सराहना की है।
जनसंपर्क आयुक्त रवि मित्तल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम ‘स्वतंत्रता का मंत्र – वंदे मातरम्’ पर आधारित है। झांकी में उन जनजातीय वीर नायकों के संघर्ष और अद्वितीय बलिदान को दर्शाया गया है, जिनके सम्मान में देश का पहला डिजिटल संग्रहालय स्थापित किया गया है। यह संग्रहालय जनजातीय आंदोलनों और विद्रोहों की वीरगाथाओं को रोचक, इंटरैक्टिव और प्रेरणादायक रूप में नई पीढ़ी तक पहुँचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।
यह चयन न केवल छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का राष्ट्रीय मंच पर प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण है, बल्कि आदिवासी समाज के अमूल्य योगदान को सम्मान देने की दिशा में एक सशक्त पहल भी है।
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