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शहरों का नियोजित विकास हमारी प्राथमिकता-बघेल

रायपुर 10 नवम्बर।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शहरों का नियोजित विकास, उत्साह से भरपूर और खुशनुमा वातावरण का निर्माण हमारी प्राथमिकता है।

श्री बघेल ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘लोकवाणी’ के चौथे प्रसारण में  ’नगरीय विकास का नया दौर’ विषय पर प्रदेश की जनता के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नगरीय क्षेत्रों में वर्षा जल संचय और नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने अनेक योजनाओं संचालित है। उन्होंने कहा कि पेयजल और नगर की बसाहट बुनियादी जरूरतें हैं।सच में भू-जल स्तर का गिरना चिंता का विषय है और इसका सबसे बड़ा कारण हमारे शहरों का विकास, सीमेंट कांक्रीट के जंगल की तरह किया जाना है।

उन्होने कहा कि शहरों के बहुत से हिस्से, घरों, व्यवसायिक भवनों, सड़कों आदि के कारण इतने ठोस हो गए हैं कि बरसात का पानी भी जमीन के भीतर नहीं जा पाता। भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि सतह का पानी रिस-रिसकर जमीन के भीतर जाए। छत्तीसगढ़ को तरिया का, तालाबों का, जलाशयों का, नदियों-नालों का, जलप्रपातों का प्रदेश कहा जाता रहा है। विडम्बना है कि एक लम्बे अरसे तक सही सोच और सही योजना के बिना ही निर्माण कार्य किए जाते रहे हैं। ऐसे निर्माण कार्यों की वजह से हमारी जमीन की रिचार्जिंग क्षमता कम होती गई और भू-जल स्तर गिरते-गिरते अब खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है।

श्री बघेल ने प्रदेश की जनता से, स्थानीय प्रशासन से, जिला प्रशासन से, स्वयंसेवी संगठनों से अपील की कि पुराने कुओं की साफ-सफाई कराएं।पुराने कुओं को जाली आदि लगाकर सुरक्षित करें ताकि इससे कोई दुर्घटना न हो।उन्होंने कहा कि आजकल छोटे भू-खण्डों पर घर बनाए जाते हैं, जिसमें कुओं का निर्माण कठिन होता है, इसीलिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग की प्रणाली अपनाई जाती है, लेकिन जहां पुराने कुएं हैं, उनका पूरा सम्मान और व्यवस्था हो।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही 212 करोड़ रू. लागत से रायपुर शहर वृहद पेयजल आवर्धन योजना की शुरूआत कर दी गई है। घरेलू पेयजल कनेक्शन से वंचित बीपीएल परिवारों के लिए ‘मिनीमाता अमृतधारा नल योजना’ शुरू की गई है। फिल्टर प्लांट के माध्यम से पैकेज्ड वाटर अर्थात सीलबंद पानी उपलब्ध कराने के लिए ‘राजीव गांधी सर्वजल योजना’ शुरू की गई है।