बिलासपुर 31 जनवरी।छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य के समाज कल्याण विभाग से जुड़ी संस्था में एक हजार करोड़ रूपए के घोटाले की सीबीआई जांच और प्राथमिकी दर्ज करने के कल दिए आदेश पर दाखिल पुनर्विचार याचिका पर आज सुनवाई नही की।
उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ के कल दिए आदेश के खिलाफ राज्य सरकार एवं इससे प्रभावित होने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने आज न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा और न्यायमूर्ति गौतम चरोड़िया की पीठ के समक्ष पुनर्विचार याचिका पेश की।पीठ ने इस मामले को सुनने से इंकार कर दिया और कहा कि इस मामले पर दूसरी पीठ ने अपना फैसला दिया है इसलिए हम इसे नहीं सुन सकते है।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा और पार्थ प्रतीम साहू की दो सदस्यीय पीठ ने एक जनहित याचिका पर समाज कल्याण विभाग से जुड़े राज्य स्त्रोत निःशक्त जन संस्थान में लगभग एक हजार करोड़ रूपए के घोटाले की केन्द्रीय जांच ब्यूरों(सीबीआई) को जांच करने का कल आदेश दिया था।
पीठ ने घोटाले के आरोपो को प्रथम दृष्टया काफी गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को जांच सौंपते हुए मामले में एक सप्ताह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए थे।।जिन लोगो के विरूद्द प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए है उनमें दो सेवानिवृत मुख्य सचिव एवं एक सेवानिवृत अपर मुख्य सचिव भी शामिल है।पीठ ने सीबीआई को 15 दिन में विभाग से दस्तावेज जप्त करने के आदेश दिए है।पीठ ने यह भी कहा है कि सीबीआई जब भी जरुरत पड़े, अदालत में उचित आवेदन के माध्यम से मदद ले सकती है।
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