Friday , May 3 2024
Home / MainSlide / पुरातात्विक और पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं के विकास से बढ़ेंगे रोजगार – भूपेश

पुरातात्विक और पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं के विकास से बढ़ेंगे रोजगार – भूपेश

रायपुर/पाली 12 मार्च।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में पुरातात्विक महत्व की जगहों और पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के लिए सुविधाओं का जितना विकास होगा, उतने ही रोजगार के नये अवसर बढ़ेंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

श्री बघेल पाली महोत्सव के समापन समारोह में भिलाई से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। कोरबा जिले के पाली स्थित कार्यक्रम स्थल में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और स्कूल शिक्षा मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम मौजूद रहे।उन्होने कहा कि आज पाली-महोत्सव न सिर्फ कोरबा जिले की, बल्कि छत्तीसगढ़ की भी पहचान बन चुका है। इस महोत्सव की प्रसिद्धि और बढ़े, इसे और भी वृहद स्तर पर आयोजित किया जाए, इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है।

उन्होने कहा कि कोरबा जिले के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ में नये पर्यटन स्थलों को चिन्हित करके उनका विकास किया जा रहा है। राम-वन-गमन पर्यटन परिपथ ऐसी ही एक परियोजना है, जिसमें कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक पहले चरण में 9 स्थानों को चिन्हित कर उनके सौंदर्यीकरण और विकास का कार्य शुरु किया जा चुका है। ये सभी वे स्थान हैं, जहां वनवास के दौरान भगवान राम ठहरे थे। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से अब डोंगरगढ़ भी भारत के पर्यटन-नक्शे में शामिल हो गया है। वहां भी सौंदर्यीकरण और नयी पर्यटन सुविधाएं विकसित करने का काम शुरु कर दिया गया है। सिरपुर और मैनपाट को देश के बौद्ध सर्किट में स्थान दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुरखों की चिन्हारी और पुरातात्विक धरोहरों को सहेजने और उन्हें गढ़ने से ही नवा छत्तीसगढ़ बनेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ी स्वाभिमान और संस्कृति और परंपराओं को सहेजने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की मंच से भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पाली-महोत्सव के माध्यम से हमारे लोक-कलाकारों को मंच मिलता है। हमारी लोक-कलाओं को संरक्षण मिलता है। इन लोक-कलाओं को भी सहेजते हुए अपनी अगली पीढ़ी तक पहुंचाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना अपने पुरातत्व को बचाना।